“यूपी सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मियों के हित में बड़ा कदम उठाया है। अब एजेंसियां मनमानी तरीके से कर्मचारियों को नहीं निकाल पाएंगी। पारदर्शिता के लिए सेवायोजन पोर्टल से होगी नियुक्तियां।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने आउटसोर्सिंग कर्मियों के हित में बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। राज्य सरकार ने ऐसे कर्मियों की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। यह कदम आउटसोर्सिंग एजेंसियों की मनमानी को रोकने और कर्मचारियों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
अब नहीं होगी मनमानी:
सरकार के नए नियमों के तहत अब कोई भी एजेंसी आउटसोर्सिंग कर्मियों को मनमाने तरीके से नौकरी से नहीं हटा सकेगी। यदि किसी कर्मचारी को हटाने की जरूरत होगी, तो पहले संबंधित विभाग से अनुमति लेनी होगी।
पारदर्शी प्रक्रिया:
सरकार ने घोषणा की है कि अब सभी आउटसोर्सिंग कर्मियों की नियुक्ति सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी होगी।
मानदेय में सुधार:
यह सुनिश्चित किया गया है कि आउटसोर्सिंग कर्मियों को हर महीने तय तारीख पर वेतन (मानदेय) दिया जाएगा। इससे उन्हें वित्तीय असुरक्षा से राहत मिलेगी।
भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार:
कर्मचारियों को नौकरी देने के लिए अवैध वसूली पर भी सरकार ने सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। अब अवैध तरीके से पैसा लेने पर एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा:
आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवाओं को समाप्त करने से पहले विभागीय मंजूरी अनिवार्य कर दी गई है। इससे कर्मियों को अनुचित दबाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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मनोज शुक्ल