“मेदांता अस्पताल, लखनऊ और लोकबंधु अस्पताल के सहयोग से आज एक सफल इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें न्यूरोलॉजी और कार्डियोलॉजी के विशेषज्ञों ने नवीनतम उपचार विधियों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने शुरुआती निदान और समय पर उपचार की आवश्यकता को बताया, जिससे मरीजों के जीवन में सुधार हो सके।”
लखनऊ : मेदांता अस्पताल, लखनऊ ने आज एक सफल इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया, जिसमें न्यूरोलॉजी और कार्डियोलॉजी के क्षेत्रों में हालिया प्रगति पर चर्चा की गई। यह सत्र लोकबंधु श्री राज नारायण संयुक्त अस्पताल, लखनऊ में आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य पेशेवरों को नवीनतम चिकित्सा तकनीकों और उपचार विधियों से अवगत कराना था।
न्यूरोलॉजी में प्रगति
मेदांता अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. अनुप कुमार ठाकुर ने न्यूरोलॉजिकल देखभाल में हो रहे नवीनतम विकास के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, “न्यूरोलॉजी में हो रही प्रगति ने क्रोनिक बीमारियों के उपचार के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं। प्रारंभिक निदान और समय पर उपचार से मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।” डॉ. ठाकुर ने युवाओं में न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कार्डियोलॉजी में नवाचार
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. आर. के. सारन ने हृदय रोगों के उपचार में हो रही प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी में नवाचार के कारण हम कम से कम आक्रामक प्रक्रियाओं के माध्यम से बेहतर परिणाम प्रदान कर पा रहे हैं, जिससे मरीजों के रिकवरी समय में भी कमी आई है।” उन्होंने प्रारंभिक निदान और हस्तक्षेप की अहमियत पर भी जोर दिया।
इंटरएक्टिव सत्र का महत्व
इस सत्र का मुख्य उद्देश्य नेटवर्किंग और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करना था। इसमें चिकित्सकों को विशेषज्ञों से व्यक्तिगत सलाह लेने और सवाल पूछने का अवसर मिला। इसके साथ ही, यह सत्र मरीजों की देखभाल में सुधार लाने और उनके इलाज में नई दिशा देने के लिए बेहद सफल साबित हुआ।
मेदांता के प्रयास
मेदांता अस्पताल, लखनऊ के निदेशक डॉ. सुरेश चंद्र कौशल और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने इस इंटरएक्टिव सत्र का स्वागत किया। उन्होंने इस सत्र को मरीजों के हित में आयोजित किया और चिकित्सकों के विचारों की प्रशंसा की। उनका कहना था कि यदि इस सत्र से एक भी मरीज की जान बचती है, तो यह सत्र सफल माना जाएगा।