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ऐतिहासिक धरोहर का खनन

मिर्जापुर: ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर पर खनन माफियाओ का चल रहा है बुलडोजर


मड़िहान मिर्जापुर: चुनार थाना क्षेत्र के शक्तेशगढ़ चौकी अंतर्गत गोबरदहा गांव स्थित ऐतिहासिक धरोहर रानी चनवा का कोहबर के साथ एक प्राकृतिक झील पर खान माफियाओं की नजर पड़ गई है।जहां पर अवैध खनन कर धन कमाने के चक्कर में पुरातन धरोहरों को भी नष्ट करने पर उतारू हैं।

ग्रामीणों की माने तो यह एतिहासिक स्थल रानी चनवा के कोहबर के नाम से जाना जाता है।जहा पर आज भी कोहबर के निसान का प्रतिबिंब चट्टानों पर साफ दिखाई पड़ता है।

वही बगल में ही एक झील भी जमीन से बाहर निकली है जिसका पानी मीठा और स्वादिष्ट होने के साथ साथ कई रोग को ठीक करने में भी सहायक साबित होता है।

साथ में जंगली जानवरों के प्यास बुझाने का एक मात्र विकल्प भी माना जाता है।पर क्षेत्र के कुछ खनन माफिया बिना किसी की परवाह किए धड़ल्ले से अवैध खनन कर अपनी जेब भरने में जुटे है वही संबंधित विभाग मूक दर्शक बना हुआ है l

70 वर्षीय शिवनाथ ने बताया की आज से एक दशक पूर्व वीर लोरिक रानी चनवा को लेकर अघोरी से चले जहां सोनभद्र मारकुंडी घाट में वीर लोरिक पत्थर को अपने एक तलवार की वार से दो भागो में काट दिया वहा आज भी जीता जगता सबूत है।

राजा वीर लोरिक रानी को लेकर के जब इस रास्ते से जा रहे थे तो झील देखकर मंत्र मुग्ध हो गए और वही बनी गुफा में एक कोहबर बना जो आज भी प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता है।इसी झील स्नान करने के बाद ही वे दोनो अपने गंतव्य को निकले थेlआज लोग उस स्थान को चांद पटपर के नाम से जानते है।

क्षेत्रीय खनन माफिया उक्त प्राकृतिक और राष्ट्रीय धरोहर को ब्लास्टिंग के साथ-साथ बुलडोजर लगाकर खनन कर अपनी जेब गर्म करने की जुगत में जुटे हुए हैं।

आज खनन कर झील को भी समाप्त किया जा रहा है यदि इसे नहीं रोका गया तो एक दिन ऐसी स्थिति आएगी की मनोरम दृश्य देखने को आंखे तरस जाएंगीl ग्रामीणों में सोनू, राम श्रृंगार ,सोहन,रामसूरत,प्यारेलाल, झगड़ु,लौधर आदि ने जिला अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए राष्ट्रीय धरोहर को नष्ट होने से रोकने की मांग की है।

वन क्षेत्रा अधिकारी चुनार आनंद शेखर ने बताया कि खनन वन क्षेत्र में नहीं किया जा रहा है।हमने जांच के लिए पहले ही अपने कर्मचारियों को भेजा था।वही तहसील प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारियो से पल्ला झाड़ते हुए नजर आता दिखाई पड़ रहा है।

इससे यह कयास लगाया जा सकता है,कि सरकारी तंत्र की मिली भगत से ही यह गोरख धंधा फल फूल रहा है जिससे राष्ट्रीय धरोहर को अविस्मरणीय क्षति होने की संभावना बनी है।

रिपोर्ट: अशोक सिंह मुन्ना

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