“उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने निवेशकों, उद्यमियों और बिल्डरों को आकर्षित करने के लिए 2024 की नई भूमि विकास एवं भवन विनियमन नियमावली तैयार की है। नए नियमों में एफएआर को अन्य प्राधिकरणों के समकक्ष किया जाएगा।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को निवेश का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने अपने भूमि विकास एवं भवन विनियमन 2018 में संशोधन की तैयारी कर ली है। नई नियमावली, भूमि विकास एवं भवन विनियमन 2024, को सोमवार को औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की अध्यक्षता में प्रस्तुत किया गया। बैठक में मुख्य सचिव एवं आईडीसी मनोज कुमार सिंह, यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
नई नियमावली के तहत यूपीसीडा का ग्राउंड एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) अब नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यीडा और गीडा जैसे औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के समकक्ष किया जाएगा। इसके तहत उद्यमियों, निवेशकों और बिल्डरों को बड़े लाभ मिलेंगे।
उद्यमियों और निवेशकों को मिलेगा फायदा
मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश अब निवेश का प्रमुख केंद्र बन चुका है। 2017 के पहले बीमारू राज्य की श्रेणी में आने वाला उत्तर प्रदेश अब देश का ग्रोथ इंजन बन चुका है। प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए अन्य औद्योगिक प्राधिकरणों की तर्ज पर यूपीसीडा के नियमों में संशोधन किया जा रहा है।
नई नियमावली से स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल संचालकों समेत उद्यमियों को काफी सहूलियत मिलेगी। इसके साथ ही जिन परिसरों का कोई उपयोग नहीं है, उन्हें हटाया जाएगा।
अन्य प्राधिकरणों से ली गई प्रेरणा
यूपीसीडा के सीईओ मयूर महेश्वरी ने बताया कि अन्य औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के साथ ही देश और दुनिया के प्रमुख औद्योगिक शहरों के बिल्डिंग बायलॉज का तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के आधार पर नई नियमावली तैयार की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, नई नियमावली निवेशकों की मांग और औद्योगिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। यूपीसीडा का उद्देश्य निवेशकों को अधिकतम लाभ देना और राज्य को उद्योगों के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बनाना है।
निवेश बढ़ाने की तैयारी
मंत्री नंदी ने कहा कि नई नियमावली से राज्य में निवेशकों का विश्वास और अधिक मजबूत होगा। यह कदम उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल