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ग्रामीण क्षेत्रों में अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण

अन्नपूर्णा भवन: ग्रामीण विकास का नया अध्याय

रिपोर्ट: मनोज शुक्ला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और खाद्यान्न सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से अन्नपूर्णा भवन परियोजना पर तेजी से काम कर रही है। यह परियोजना न केवल ग्रामीणों को उनके गांव में ही मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, बल्कि भंडारण और वितरण प्रणाली को भी दुरुस्त करेगी।

अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में बहुउद्देश्यीय सुविधा केंद्र के रूप में किया जा रहा है। इन भवनों का उद्देश्य खाद्यान्न का सुरक्षित भंडारण और गांव के लोगों को प्रशासनिक और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना है। प्रत्येक भवन में निम्नलिखित सुविधाएं होंगी:

  1. भंडारण हॉल: खाद्यान्न और अन्य सामग्री का सुरक्षित भंडारण।
  2. प्रतीक्षालय: लोगों के लिए आरामदायक बैठने की व्यवस्था।
  3. जनसेवा केंद्र: गांव के लोगों को प्रशासनिक सेवाएं, जैसे जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र, बिजली बिल का भुगतान, राशन कार्ड अपडेट, आदि।

इसके अतिरिक्त, यहां दवाएं और रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे ग्रामीणों को शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश सरकार ने अब तक 3,213 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूरा कर लिया है। इसके अलावा, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत 1,630 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

लखनऊ में 80 भवन तैयार।

वाराणसी में 120 भवनों का निर्माण।

मेरठ, गोरखपुर, आगरा और प्रयागराज जैसे जिलों में भी कार्य तेजी से जारी है।

मनरेगा के तहत अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। इस परियोजना में लाखों मजदूरों को शामिल किया गया है, जिससे उनके लिए स्थायी आय का जरिया बना है।

  1. खाद्यान्न सुरक्षा: अन्नपूर्णा भवन खाद्यान्न को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संग्रहित करेगा। इससे अनाज खराब होने या चोरी की घटनाएं कम होंगी।
  2. प्रशासनिक सेवाएं: जन्म, मृत्यु, जाति प्रमाणपत्र और अन्य कागजात के लिए अब गांव से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  3. मूलभूत आवश्यकताएं: बिजली बिल का भुगतान, दवाएं और दैनिक उपयोग की वस्तुएं गांव में ही मिलेंगी।
  4. रोजगार: निर्माण कार्य से लेकर संचालन तक स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,
“अन्नपूर्णा भवन ग्रामीण विकास का प्रतीक हैं। यह केवल भंडारण केंद्र नहीं है, बल्कि ग्रामीणों के जीवन स्तर को सुधारने का साधन है। हमारी सरकार गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्यरत है।”

बहराइच जिले के फखरपुर के पूर्व प्रधान व किसान, अनिल शुक्ल ने बताया,
“अन्नपूर्णा भवन बनने से हमें अपना अनाज सुरक्षित रखने की सुविधा मिली है। इसके अलावा, बिजली बिल और अन्य कागजात के लिए अब तहसील नहीं जाना पड़ता।”

बाराबंकी के हैदरगढ़ के राजेंद्र शुक्ल कहते हैं,
“हमारे गांव में दवाओं की दुकान नहीं थी। अब अन्नपूर्णा भवन से यह सुविधा मिलने लगी है। बच्चों के लिए राशन और जरूरी सामान भी यहीं मिल जाता है।”

योगी सरकार 2025 तक प्रदेश के सभी गांवों में 5,000 से अधिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण करने की योजना पर काम कर रही है। इसके साथ ही डिजिटल सेवाओं को भी इन भवनों में जोड़ा जाएगा, जिससे ऑनलाइन सुविधाएं सुलभ हों।

अन्नपूर्णा भवन परियोजना उत्तर प्रदेश के गांवों को आत्मनिर्भर और सुविधासंपन्न बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। यह ग्रामीण विकास, खाद्यान्न सुरक्षा और प्रशासनिक सेवाओं के एकीकृत मॉडल के रूप में उभर रही है।

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