Tuesday , January 14 2025
संगम नोज, अमृत स्नान, महाकुम्भ, मकर संक्रांति, स्नान क्षेत्र विस्तार, श्रद्धालु, सिंचाई विभाग, यांत्रिक खंड, स्नान की सुविधा, 85 दिनों में काम, 26 हेक्टेयर क्षेत्र, 2 हेक्टेयर क्षेत्र विस्तार, Sangam Noz, Amrit Snan, Maha Kumbh, Makar Sankranti, Expansion of Bathing Area, Pilgrims, Irrigation Department, Mechanical Division, Bathing Facility, 85 Days Work, 26 Hectare Expansion, 2 Hectare Expansion, संगम नोज पर स्नान, महाकुम्भ स्नान, मकर संक्रांति स्नान, श्रद्धालु स्नान, क्षेत्र विस्तार, सिंचाई विभाग कार्य, 26 हेक्टेयर क्षेत्र, 85 दिनों में कार्य, अमृत स्नान सुविधा, संगम स्नान, Sangam Noz Bath, Maha Kumbh Snan, Makar Sankranti Snan, Pilgrims Bathing, Area Expansion, Irrigation Department Work, 26 Hectare Area, 85 Days Work, Amrit Snan Facility, Sangam Bath,
महाकुंभ 2025

महाकुम्भ में कौन सी जगह बनी फेवरिट स्नान स्पॉट, जानें?

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति पर्व पर मंगलवार को संगम नोज पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस बार संगम नोज को विशेष प्राथमिकता मिली, जहां पर अखाड़ों के संतों और गुरुओं के साथ-साथ आम श्रद्धालु भी स्नान कर रहे थे। यह सब संभव हुआ सिंचाई विभाग की यांत्रिक शाखा के भगीरथ प्रयासों से, जिसने 85 दिनों के भीतर तीन शिफ्ट में काम करते हुए शास्त्री ब्रिज से संगम नोज तक 26 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार किया। इसके तहत संगम नोज पर 2 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र जोड़ा गया, जिससे श्रद्धालुओं को और अधिक स्थान मिला और एक साथ ज्यादा लोग स्नान कर सके।

13 जनवरी को पौष पूर्णिमा और 14 जनवरी को अमृत स्नान पर 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। संगम नोज पर सबसे ज्यादा श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। अनुमान के अनुसार, हर घंटे यहां 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। सिंचाई विभाग के यांत्रिक खंड द्वारा किए गए इस काम से संगम नोज पर स्नान की क्षमता तीन गुना बढ़ गई है। 2019 में जहां संगम नोज पर 50 हजार श्रद्धालु प्रति घंटे स्नान कर सकते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 2 लाख प्रति घंटा हो गई है।

सुगम स्नान की सुविधा:
सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता (सज्जा एवं सामग्री प्रबंध) उपेन्द्र सिंह ने बताया कि इस कार्य को पूरा करने के लिए 85 दिनों तक चार अमेरिकन ड्रेजर मशीनों का इस्तेमाल किया गया, और 1650 मीटर क्षेत्र में बालू की बोरियों से अस्थाई घाट बनाए गए। इस प्रयास ने महाकुम्भ के स्नान पर्वों को और अधिक सुगम बना दिया, जिससे करोड़ों श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के अमृत स्नान कर पाए।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com