लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने मानसून से पहले बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं उत्तर प्रदेश के तहत बड़ा कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने राज्य के बाढ़ संभावित जिलों में 200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का मकसद नदियों के किनारे बने तटबंधों को मज़बूत कर मानसून के दौरान संभावित तबाही को रोका जाना है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह बजट मुख्य रूप से सरयू, गंगा, राप्ती और रोहिन नदियों के किनारे स्थित संवेदनशील क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत आरसीसी पिलर का निर्माण, पुराने तटबंधों की मरम्मत, कटाव रोधी उपाय तथा नए पंपिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। इससे बाढ़ के समय जल निकासी में तेजी आएगी और आसपास के गांवों व शहरों को राहत मिलेगी।
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राज्य सरकार का लक्ष्य है कि बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को मानसून से पहले पूरी तरह लागू किया जाए। इससे जन-धन की हानि को रोका जा सकेगा और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके अतिरिक्त आपदा प्रबंधन टीमों को भी अलर्ट पर रखा गया है और जिला प्रशासन को आवश्यक संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय वक्त पर लिया गया है। हर साल जून-जुलाई में कई जिले बाढ़ से प्रभावित होते हैं, जिससे लाखों की जनसंख्या को नुकसान उठाना पड़ता है। अब तटबंधों की मजबूती से हालात काबू में रह सकते हैं। इसके साथ ही यह परियोजना ग्रामीण इलाकों में बाढ़ पूर्व तैयारी की एक मिसाल बन सकती है।