बहराइच। सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर बैरिकेडिंग को लेकर हालात अब कोर्ट-कचहरी तक पहुंच गए हैं। सैय्यद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर 15 मई से लगने वाले सालाना मेले पर प्रशासन ने रोक लगा दी है, जिसके खिलाफ दरगाह प्रबंध समिति हाई कोर्ट पहुंची है। लेकिन आज 14 मई को याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी, और अब यह मामल 15 मई को सुना जाएगा।
इससे पहले प्रबंध समिति ने मेले की अनुमति को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दायर की थी। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि सुरक्षा कारणों और खुफिया इनपुट के चलते मेला रोकना आवश्यक था। उधर समिति ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया है।
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प्रशासन का सुरक्षा मॉडल
प्रशासन ने सालार मसूद दरगाह बैरिकेडिंग के तहत दरगाह परिसर सहित प्रमुख मार्गों पर बैरियर और भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी है। PAC और अन्य ज़िलों से आई फोर्स ने इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया है।
भारत-नेपाल सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, गोंडा व बलरामपुर जैसे जिलों से आए जवान लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं। DM व SP को जायरीनों को रोकने के स्पष्ट निर्देश हैं।
हाई कोर्ट में क्या हुआ?
प्रबंध समिति की याचिका पर 14 मई को सुनवाई होनी थी, लेकिन केस लिस्ट में व्यस्तता के चलते इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। अब 15 मई को कोर्ट अपना निर्णय सुना सकता है। समिति का दावा है कि अगर कोर्ट से अनुमति मिलती है तो भी वे राष्ट्रहित को प्राथमिकता देंगे।
श्रद्धालुओं में निराशा
हर वर्ष इस मेले में हजारों श्रद्धालु DJ, ताजिया और बारातों के साथ भाग लेते हैं। इस बार प्रशासनिक रोक से उन्हें गहरी निराशा हुई है। हालांकि दरगाह समिति ने शांति व्यवस्था बनाए रखने का आश्वासन दिया है।
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