नई दिल्ली। भारत में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने और मेक इन इंडिया में विदेशियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार ने विदेशी निवेशकों को भारत में स्थाई निवासी का दर्जा (परमानेंट रेजीडेंसी स्टेटस–पीआरएस) देने की मंज़ूरी दे दी ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पीआर एस को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत विदेशी निवेशकों के पीआरएस के लिए वीजा नियमावली में उपयुक्त प्रावधान किए जाएंगे। पीआरएस पहले 10 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाएगा, जिसकी बाद में समीक्षा की जाएगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए एक विदेशी निवेशक को 18 महीनों में कम से कम 10 करोड़ रूपए या तीन वर्षों में 25 करोड़ का निवेश भारत नें करना होगा। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रति वर्ष कम से कम 20 भारतीय नागरिकों को रोज़गार मिले। पीआरएस एक प्रकार का एकाधिक प्रवेश वीजा होगा और उन्हें पंजीकरण से छूट दी जाएगी।
पीआरएस धारकों को रहने के लिए एक घर खरीदने की अनुमति होगी और उनके पति या पत्नी या आश्रितों को निजी क्षेत्र में काम करने या पढ़ाई करने की अनुमति होगी।
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