लुधियाना । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों के साथ दुव्र्यवहार की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए आज कहा कि दलितों पर अत्याचार से सिर शर्म से झुक जाता है। मोदी ने यहां पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को वर्ष 2014-15 के राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान करते हुए कहा कि स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया, मुद्रा योजना में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
देश के विभिन्न भागों में दलितों और आदिवासी लोगों के साथ दुव्र्यवहार की घटनाओं पर प्रधानमंत्री ने कहा, कई बार दलित भाईयों के साथ ऐसी घटनाएं होती है कि माथा शर्म से झुक जाता है। उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और जनजाति औद्योगिक केंद्र का लोर्कापण किया। यह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) मंत्रालय में एक विशेष प्रकोष्ठ होगा जो छोटे उद्योगों को नवाचार एवं प्रशिक्षण में मदद करेगा और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में छोटे उद्योगों से आवश्यक खरीद के मानकों और प्रक्रिया को भी देखेगा।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से राज्य के औद्योगिकीकरण में तेजी लाने के लिए मदद करने का आग्रह किया ताकि पंजाब फिर से अपने अतीत को हासिल कर सके। बादल ने आज यहां पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के प्रतिनिधियों के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब कभी नंबर एक पायदान पर था। अकेले किसानों के जरिये राज्य की तरक्की नहीं हो सकती और आधुनिक समय में औद्योगिकीकरण की बेहद जरूरत है और केन्द्र इसे गति देने मेें मददगार साबित हो सकता है।
मोदी ने बांटे 500 चरखे- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कताई करने वाली महिलाओं के बीच आज लकड़ी से बने 500 पारंपरिक चरखे वितरित किए। ये महिलाएं पांच स्थानीय खादी संस्थानों से जुड़ी हैं। ये चरखे खादी एवं ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआईसी) की आेर से दिए गए हैं। कताई करने वाली इन महिलाओं को पंजाब के विभिन्न इलाकों से चुना गया। प्रधानमंत्री ने एक प्रदर्शनी भी देखी और खुद भी चरखा चलाकर देखा। केवीआईसी ने कहा कि पांच सौ चरखे रोजगारों को इन ग्रामीणों के दरवाजे तक लाने में मदद करेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इस अवसर पर कहा कि चरखों के वितरण से इन परिवारों को आमदनी में मदद मिलेगी।
मोदी ने गुरु गोबिंद सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने ‘सबै मानव जात एक मानबौ’ का संदेश दिया था। यह संदेश आज के समय में भी सही है। मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान एक आर्थिक गतिविधि है और इससे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दलित और आदिवासी युवाओं और महिलाओं में भी अन्य लोगों की तरह आकांक्षाएं हैं और उनमें क्षमता हैं। सरकार ने उन्हें अवसर उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं शुरू की है। इसके लिए उन्होंने दलित चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री का उल्लेख किया। इसमे कई ऐसे दलित उद्यमी शामिल हैं जिनका कारोबार 500 करोड रुपए सालाना है।