नई दिल्ली। अगर आपकी दिलचस्पी चांद और तारों में है तो यह कार्तिक पूर्णिमा आपके लिए यादगार साबित हो सकती है। सोमवार को 69 वर्षों में चांद ‘सुपर मून’ धरती के सबसे करीब होगा।
आज यह अपने आकार से 14 प्रतिशत बडा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला दिखाई देगा। इससे पहले यह नजारा 1948 में लोगों ने देखा था।
अगर आप चांद का यह रुप देखने से आज वंचित रह जाते हैं तो आपको इसके लिए 18 साल तक का लंबा इंतजार करना पडेगा क्योंकि आज के बाद यह 25 नवंबर 2034 को दिखेगा।
पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा अंडाकार है। जब चंद्रमा पृथ्वी के निकट होगा तो यह सामान्य से ज्यादा बडा और ज्यादा चमकदार दिखेगा।
उत्तरी अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में सोमवार के तडके ही यह नजारा देखने को मिला जबकि भारत में सोमवार रात को सुपरमून दिखाई देगा।
‘‘सुपर मून” शब्द का पहली बार उपयोग खगोलशास्त्री रिचर्ड नोएल ने किया था। साल 1948 के बाद यह पहला मौका है, जब चंद्रमा धरती के सबसे पास से होकर गुजरेगा।