नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल पंजाब विधानसभा में हुई हार का जिम्मेदार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को मान रहे थे। केजरीवाल बार-बार चुनाव आयोग पर आरोप लगा रहे हैं कि ईवीएम से छेड़छाड़ की गई है।
केजरीवाल ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा था कि 72 घंटों के लिए EVM उनके हवाले कर दी जाए। वह बता देंगे कि मशीन के साथ छेड़छाड़ कैसे की जाती है।
आयोग ने केजरीवाल की इसी चुनौती के जवाब में उन्हें यह आमंत्रण भेजा है। केजरीवाल के आरोपों के जवाब में चुनाव आयोग ने पटलवार करते हुए उन्हें ही चेतावनी दी है कि आएं और साबित करें कि मशीनों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
चुनाव आयोग ने कहा कि हमने डेमो (EVM से छेड़छाड़) के लिए वैज्ञानिक और राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को बुलाया है। अरविन्द केजरीवाल भी इसमें आमंत्रित हैं।
इस दौरान ईवीएम बनाने वाली कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के विशेषज्ञ इंजिनियर भी मौजूद रहेंगे। मशीन की जांच के दौरान राजनेता वहां पर मौजूद इंजिनियर्स से सवाल भी पूछ सकेंगे।
हालांकि, आयोग की इस चुनौती का जवाब देने की जगह अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को फिर एक ट्वीट कर दिया। इसमें उन्होंने पुरानी बात दोहराते हुए कहा कि BJP को छोड़कर सभी राजनैतिक दल और भारत की जनता बैलट पेपर से चुनाव चाहती है। फिर भी चुनाव आयोग EVM से चुनाव कराने पर क्यों अड़ा हुआ है? केजरीवाल MCD चुनाव में बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग कर रहे हैं।