असम में नेशनल सिटीजन रजिस्टर (एनआरसी) का अंतिम मसौदा जारी होने के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। कई जिलों में निषेधाज्ञा जारी कर दी गई है। राज्य मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी लोगों से शांति बरतने की अपील की है।
मुख्यमंत्री का आग्रह- अफवाहों पर न करें विश्वास
बता दें कि सुरक्षा पहलुओं के संबंध में मुख्यमंत्री ने रविवार को ही सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की जो राज्य के एनआरसी सेवा केंद्रों में दोपहर 12 बजे के बाद प्रकाशित की जाएगी। बैठक के बाद सोनोवाल ने कहा, ‘मुझे ऐसा लगता है कि जिनके नाम लिस्ट में नहीं हैं उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि उनके पास आपत्ति और दावा करने का मौका है।‘ उन्होंने कहा, ‘लोगों से आग्रह है कि वे अफवाहों पर विश्वास न करें उन सब के साथ बतौर भारतीय नागरिक व्यवहार किया जाएगा न कि उन्हें विदेशी समझा जाएगा।
बनाई गई खास रणनीति
राज्य में इस दौरान हिंसा की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की भी बैठक हुई। अधिकारियों ने इस दौरान किसी भी अप्रिय वारदात को टालने के लिए खास रणनीति बनाई। पूरे राज्य को अलर्ट पर रखा गया है। राज्य के कई जिलों में निषेधाज्ञा भी लागू की गई है। गृह मंत्रालय ने भी असम सरकार को सलाह दिया कि एनआरसी के मसौदे के आधार पर प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
एनआरसी अपडेट करने वाला पहला राज्य असम
सरकार के 55,000 लोग इसपर पिछले कुछ सालों से काम कर रहे हैं। भारत में असम पहला राज्य है जहां एनआरसी को अपडेट किया जा रहा है। यह असम की जनता के लिए ‘ऐतिहासिक क्षण’ है। ‘इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने समूची प्रक्रिया में हमारी मदद कीI प्रत्येक जिले के हर सर्किल में लोगों की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम होगा।‘
व्यापक सुरक्षा व्यवस्था
गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर हिरेन नाथ ने कहा, ‘गुवाहाटी में सभी जिला मजिस्ट्रेट के साथ हमने बैठक की। हमारे पुलिस ऑफिसरों व बाहर से आए अन्य सुरक्षा बलों ने मिलकर व्यापक सुरक्षा व्यवस्थाएं की। पूरी सिक्योरिटी टीम को 8 जोन व 18 सब-जोन में विभाजित किया गया। राज्य में पर्याप्त सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। इस बीच विपक्षी दलों ने भी राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने का अाश्वासन दिया है।
केवल ड्राफ्ट है… फाइनल लिस्ट नहीं
राज्य एनआरसी कोऑर्डिनेटर ने सोमवार को सिटिजन रजिस्टर का फाइनल ड्राफ्ट जारी करते हुए कहा कि 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को इसमें शामिल करने के लिए वैध पाया गया है। यह केवल ड्राफ्ट है, फाइनल लिस्ट नहीं। जिन लोगों के नाम इसमें शामिल नहीं किए गए हैं, वे दावे कर सकते हैं और आपत्ति जता सकते हैं।
आपत्ति जताने के लिए पर्याप्त समय
अंतिम मसौदे में जिनके नाम नहीं हैं उन्हें दावा करने और आपत्ति जताने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। ऐसे लोगों को उनके सेवा केंद्रों में आवेदन करना होगा। असम के कामरूप जिले के डिप्टी कमिश्नर वीरेंद्र मित्तल ने कहा, ‘जिनके नाम ड्राफ्ट में नहीं हैं वे 7 से 30 अगस्त के बीच अपने केंद्रों में जाकर इसका कारण जान सकते हैं।‘ इसके बाद 30 अगस्त से 28 सितंबर तक दावा और आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।‘ रजिस्ट्रार जनरल शैलेश ने बताया कि जिस किसी का भी नाम पहले ड्राफ्ट में था, लेकिन फाइनल ड्राफ्ट में नहीं है, उसे लेटर दिया जाएगा, ताकि वह इसे लेकर दावा कर सके और आपत्ति जता सके।
विपक्ष का भी समर्थन
कांग्रेस नेता अपूर्व भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमने सरकार से आग्रह किया है कि कोई भी नेता ऐसा बयान न दे जिससे राज्य की जनता अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति खुद को असुरक्षित महसूस करे। सरकार ने हमें इसके लिए आश्वासन दिया है। 25 जुलाई को गृह मंत्रालय ने एनआरसी ड्राफ्ट को जारी करने को लेकर असम सरकार व इसके पड़ोसी राज्यों से कानून और व्यवस्था कायम करने के लिए कहा था। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआइ) ने वेबसाइटों, टोल-फ्री नंबरों, एसएमएस आदि सभी कम्युनिकेशन साधनों साधनों का उपयोग कर एनआरसी ड्राफ्ट संबंधित सभी जानकारी को जनता तक पहुंचाने का आदेश दिया था।