आपको बता दें, बेलपत्र सिर्फ़ भगवान की पूजा-अर्चना में ही उपयोगी नहीं हैं, बल्कि इसके कई और भी फ़ायदे हैं. जी हाँ, बेलपत्र में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन सी के साथ-साथ भरपूर मात्रा में ऑर्गैनिक कम्पाउंड्स और ऐंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं. ये बेजान और रूखी त्वचा में चमक लाते हैं और बालों को भी स्वस्थ और सुंदर बनाते हैं.
बता दें, बेल के रस को थोड़े गुनगुने पानी में मिला लें. इसमें शहद की कुछ बूंदें डालें. इस घोल का नियमित रूप से सेवन करने से ख़ून साफ़ होता है. 
सफ़ेद दाग़ बेलपत्र की मदद से ठीक हो सकते हैं. बेल के गूदे में सोरलिन नाम का तत्व होता है, जो त्वचा की धूप सहने की क्षमता को बढ़ाता है.
इसके अलावा बेलपत्र में कैरोटीन भी होता है और ये दोनों तत्व मिलकर त्वचा की रंगत को एक जैसा बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. बेलपत्र के रोज़ाना उपयोग से त्वचा के सफ़ेद दाग हल्के हो जाते हैं.
इतना ही नहीं इसके रस के साथ जीरा मिलाकर पीने से पित्त के साथ-साथ त्वचा पर होनवाले दाग़-धब्बों और खुजली के निशानों को भी ठीक करने में मदद मिलती है.
बेल के पके हुए फल के छिलके को साफ़ कर उसमें तिल का तेल और कपूर मिलाएं और तेल को सिर में रोज़ाना लगाएं, इससे सिर में जूं नहीं रहती हैं.
बालों को झड़ने से रोकने के लिए बेलपत्र का सेवन सबसे उचित तरीक़ा है. रोज़ाना एक बेल पत्ते को धोकर खाएं. इससे आपको एक हफ़्ते में फ़र्क़ दिखना शुरू हो जाएगा.
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