लखनऊ।
आबकारी विभाग की राजस्व प्राप्ति ने उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को मजबूती प्रदान की है। अप्रैल 2025 में विभाग ने 4600 करोड़ रुपये के लक्ष्य के सापेक्ष 4319.46 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो लक्ष्य का 93.9% है। यह उपलब्धि विभाग की कार्यकुशलता और अवैध शराब पर नियंत्रण की जीरो-टॉलरेंस नीति का परिणाम है।
प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री नितिन अग्रवाल ने कहा कि अप्रैल 2025 में प्राप्त राजस्व, पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। अप्रैल 2024 में जहां 3313.43 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी, वहीं इस वर्ष यह आंकड़ा 4319.46 करोड़ तक पहुंचा।
मंत्री ने बताया कि विभाग की सख्त निगरानी और नवाचारों ने यह उपलब्धि संभव बनाई। क्यूआर कोड आधारित ट्रैकिंग सिस्टम, पारदर्शी आपूर्ति नीति और गुणवत्ता नियंत्रण ने उपभोक्ता विश्वास को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए 63,000 करोड़ रुपये राजस्व लक्ष्य तय किया गया है, जिसे प्राप्त करने के लिए विभाग पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करेगा।
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अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हुए, उन्होंने बताया कि अप्रैल माह में विभाग ने 80,519 छापेमारी कर 9,768 अभियोग दर्ज किए। इस दौरान 2.62 लाख लीटर अवैध शराब जब्त, 1,772 आरोपियों की गिरफ्तारी, तथा 13 वाहन जब्त किए गए। इनमें से 324 आरोपियों को जेल भेजा गया है।
राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप, आबकारी विभाग आर्थिक विकास, राजस्व संग्रहण, और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के क्षेत्र में सक्रिय और जवाबदेह भूमिका निभा रहा है। यह प्रगति न केवल वित्तीय संसाधनों को बढ़ावा देती है, बल्कि उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर एवं विकसित राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।