“चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी लखनऊ, 2025-26 से 43 एआई-संवर्धित शिक्षा कार्यक्रमों की शुरुआत करेगी। प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को साकार करते हुए, यह उत्तर प्रदेश में AI केंद्रित शिक्षा का एक नया युग लाएगी। इस पहल से युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कौशल मिलेगा।”
लखनऊ। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (CU) ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक एआई-सक्षम, भविष्य-दृष्टि वाले कैंपस की स्थापना की घोषणा की है, जो 2025-26 शैक्षणिक सत्र से 43 बहु-विषयक AI-आधारित शैक्षिक कार्यक्रमों की पेशकश करेगा। यह उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भारत के पहले एआई शहर में स्थित होगा, जिसे राज्य सरकार द्वारा विकसित किया जा रहा है।
इस पहल का उद्देश्य छात्रों को एआई से समृद्ध शिक्षा प्रदान करना है, ताकि वे 21वीं सदी के डिजिटल युग में सफलता हासिल कर सकें। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के इस कदम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को साकार किया जाएगा, जिसमें भारत को एआई में वैश्विक नेता बनाने का लक्ष्य है।
उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार एआई शहर परियोजना के पहले चरण के तहत 10,000 जीपीयू और एआई केंद्र स्थापित कर रही है, जिससे युवाओं के लिए 50,000 नौकरियों के द्वार खुलेंगे।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने बताया कि यह विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कैंपस में AI आधारित शिक्षा से राज्य के छात्रों को वैश्विक मानकों पर उत्कृष्टता प्राप्त होगी।
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प्रोफेसर हिमानी सूद और मुकेश जैन ने भी इस अवसर पर AI शिक्षा के महत्व और इससे जुड़ी भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।
इससे पहले, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने 2025-26 शैक्षणिक सत्र में छात्रों के लिए 40 करोड़ रुपये की छात्रवृत्तियां देने की घोषणा की है, इसके अतिरिक्त वैज्ञानिक अनुसंधान में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए 3 करोड़ रुपये की ‘सीवी रमन छात्रवृत्ति’ भी प्रदान की जाएगी।
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