“ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के खिलाफ कानूनी लड़ाई का ऐलान किया। बेंगलुरु अधिवेशन में उत्तराखंड सरकार के फैसले का विरोध।”
लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। बेंगलुरु में आयोजित बोर्ड के अधिवेशन में निर्णय लिया गया कि UCC के खिलाफ कानूनी चुनौती दी जाएगी।
अधिवेशन में बोर्ड ने उत्तराखंड सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना की और इसे संविधान में दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन बताया। बोर्ड के सदस्यों का कहना है कि UCC को लागू करना न केवल धार्मिक अधिकारों का हनन है, बल्कि यह देश की बहुलतावादी संस्कृति के खिलाफ है।
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UCC के खिलाफ विरोध और रणनीति
बोर्ड का कहना है कि UCC से मुसलमानों के व्यक्तिगत कानूनों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। इस संबंध में एक मजबूत कानूनी रणनीति तैयार की जा रही है। AIMPLB ने देशभर के समुदायों और संगठनों से भी अपील की है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर इसका विरोध करें।
बोर्ड ने कहा कि UCC को लागू करना भारतीय संविधान की धारा 25 और 26 के तहत दिए गए धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है। अधिवेशन के दौरान धार्मिक और कानूनी विशेषज्ञों ने भी अपनी राय दी।
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