बहराइच।
भारत-भूटान अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में किसान स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बहराइच के समाजशास्त्र विभाग के प्रभारी डॉ. सूर्य भान रावत ने अपने शोध पत्र के माध्यम से सीमांत वर्गों से जुड़े मुद्दों पर विचार रखे। यह कार्यक्रम भूटान की रॉयल यूनिवर्सिटी के नारबुलिंग रिजटर कॉलेज में 10 से 13 मई 2025 तक आयोजित किया गया था।
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डॉ. रावत ने सम्मेलन के तकनीकी सत्र 07 की सह-अध्यक्षता की, जबकि तकनीकी सत्र 12 में उन्होंने अपना शोध पत्र “समकालीन परिदृश्य में भारत में सीमांत वर्गों के मुद्दे एवं चुनौतियां” प्रस्तुत किया। इस शोध पत्र को “बेस्ट पेपर अवार्ड” से सम्मानित किया गया, जो उनकी विद्वतापूर्ण प्रस्तुति और सामाजिक सरोकारों पर केंद्रित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
कॉन्फ्रेंस में भारत समेत अन्य देशों के लगभग 60 प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। इसका आयोजन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी के सामाजिक समावेशन केंद्र और नारबुलिंग रिजटर कॉलेज, भूटान के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य था – “सतत एवं समतामूलक भविष्य की ओर सामाजिक रूपांतरण में विज्ञान, तकनीकी, राजनीति, अर्थशास्त्र की भूमिका” पर विमर्श करना।
सम्मेलन का उद्घाटन कॉलेज अध्यक्ष डॉ. कुनजांग डरक्पा ने किया, जबकि कॉन्फ्रेंस डायरेक्टर डॉ. अमरनाथ पासवान ने विषय पर विचार रखे। मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. संजय पासवान रहे, जबकि समापन सत्र की अध्यक्षता प्रो. वत्सला ने की। सम्मेलन में प्रो. स्टीफन आनंद (USA) व प्रो. तनसुख राय सेन (UK) ने वर्चुअल सत्रों की अध्यक्षता की।
डॉ. रावत की उपलब्धि पर महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव मेजर डॉ. एस पी सिंह एवं प्राचार्य प्रो. विनय सक्सेना ने बधाई दी। आयोजन समिति में डॉ. बी. राम, डॉ. रियाज, डॉ. आलोक कुमार कश्यप तथा प्रो. ल्हतो ज़ाम्बा सहित अन्य सदस्यों ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का समापन भव्य रूप से 13 मई को पारो, भूटान में हुआ।
इस कार्यक्रम ने भारत और भूटान के बीच शैक्षिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को मज़बूत किया है। डॉ. रावत ने कहा कि ऐसी पहलें दोनों देशों को सामाजिक चुनौतियों का सामना करने में एकजुट करती हैं।
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