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बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान

बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री का विवादित बयान: ‘महाकुंभ में अल्पसंख्यकों को दुकान न दी जाए’

प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री के बयान से एक नए विवाद ने जन्म लिया है। शास्त्री ने कहा है कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में अल्पसंख्यकों को दुकानें आवंटित नहीं की जानी चाहिए। उनका मानना है कि जो लोग सनातन धर्म का पालन नहीं करते, उन्हें महाकुंभ में भाग लेने या दुकानें संचालित करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

धीरेंद्र शास्त्री ने महाकुंभ में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश मिलना चाहिए, क्योंकि यह सनातन धर्म का प्रमुख आयोजन है। उनका मानना है कि महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजन में अन्य धर्मों के लोगों की भागीदारी से इसकी धार्मिक महत्ता कम हो सकती है।

शास्त्री के इस बयान का समर्थन करते हुए कुछ धार्मिक संगठनों ने इसे सनातन धर्म की रक्षा का कदम बताया है। वहीं, दूसरी ओर कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने इसे धार्मिक भेदभाव करार दिया और इसका कड़ा विरोध किया। सोशल मीडिया पर भी इस बयान को लेकर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।

महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु हर बार संगम में स्नान करने आते हैं। यह आयोजन धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक माना जाता है। महाकुंभ में अन्य धर्मों के लोगों का भी स्वागत होता रहा है, जिससे इसकी वैश्विक पहचान बनी हुई है।

पं. धीरेंद्र शास्त्री अपने धार्मिक प्रवचनों और विशेष विचारधारा के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके अनुयायियों का मानना है कि उनका यह बयान धर्म की शुद्धता बनाए रखने का प्रयास है, जबकि आलोचक इसे भेदभावपूर्ण मानते हैं। इस मुद्दे पर विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयानों से धार्मिक असामनता बढ़ने की संभावना होती है।

धार्मिक विशेषज्ञों का कहना है कि महाकुंभ जैसे आयोजनों में सभी धर्मों का समावेश होना चाहिए ताकि सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता बनी रहे। वहीं, कुछ लोग महाकुंभ को सनातन धर्म के अनुरूप ही संचालित करने का समर्थन करते हैं।

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