प्रयागराज में कुंभ 2025 की तैयारियों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक आज शुरू होने जा रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संतों के साथ चर्चा करेंगे। बैठक में कुंभ के आयोजन से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विचार होगा। यहां 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि, दंडी परंपरा, खाक चौक, आचार्य परंपरा से जुड़े संत और तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
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मुख्य बिंदु:
- मुख्यमंत्री और संतों की बैठक:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुंभ 2025 की तैयारियों पर चर्चा करेंगे। 13 अखाड़ों और अन्य संतों के प्रतिनिधि पहले से ही मेला बैठक के पंडाल में पहुंच चुके हैं। - शाही और पेशवाई जैसे शब्दों पर चर्चा:
संतों ने बैठक में “शाही” और “पेशवाई” जैसे शब्दों को हटाने की मांग रखी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की पिछली बैठक में इन शब्दों को हटाने का प्रस्ताव पहले ही पास हो चुका है। आज इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। - अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की भूमिका:
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पहले ही “शाही” और “पेशवाई” जैसे शब्दों को हटाने का प्रस्ताव पास किया था। अब इस पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है, जिससे कुंभ आयोजन में नए नियमों का पालन सुनिश्चित होगा। - संतों की उपस्थिति:
इस बैठक में संत समाज की विभिन्न धाराओं का प्रतिनिधित्व होगा, जिसमें दंडी परंपरा, खाक चौक, आचार्य परंपरा के संत और तीर्थ पुरोहित शामिल होंगे।
इस बैठक के परिणाम से कुंभ 2025 के आयोजन में कई बदलाव आ सकते हैं, खासकर धार्मिक परंपराओं और शाही जुलूस से जुड़े नियमों में।