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जिला पोषण समिति की बैठक में DM ने दिए आंगनबाड़ी निर्माण के सख्त निर्देश

DM की बैठक में आंगनबाड़ी केंद्रों पर सख्त निर्देश, कार्रवाई तय

मऊ जनपद में जिला पोषण समिति की बैठक जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक के दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्यों, स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति, और कुपोषित बच्चों के उपचार को लेकर विस्तृत समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को लंबित कार्य शीघ्र पूर्ण कराने के सख्त निर्देश दिए।

बैठक में जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 129 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण किया जाना है, जिनमें 15 स्थानों पर कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। उन्होंने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को निर्देशित किया कि सभी अड़चनों को दूर कर कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाए।

बाल विकास परियोजना कार्यालय की मरम्मत के लिए धनराशि जारी हो चुकी है, फिर भी कार्य अधूरा है। इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए शीघ्र मरम्मत पूर्ण कराने को कहा।

जिला पोषण समिति की बैठक के दौरान यह भी पाया गया कि 11 आकांक्षात्मक नगरीय निकाय क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है। डीएम ने निर्देश दिया कि यह कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए।

बाल मैत्रिक शौचालयों के 74 प्रस्तावित स्थलों में से 21 पर अभी भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। नगर पालिका क्षेत्र की स्थिति और खराब पाई गई जहां 6 स्थलों पर कार्य शून्य है। इस पर डीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि दो दिन में कार्य प्रारंभ कराया जाए।

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लर्निंग लैब के अंतर्गत 75 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 67 का कायाकल्प हो चुका है, जबकि 8 केंद्रों पर कार्य लंबित है। डीएम ने तत्काल शेष केंद्रों के इंडिकेटर पूर्ण करने के निर्देश दिए।

एनआरसी में कुपोषित बच्चों की कम भर्ती पर भी नाराजगी जताई गई। जिलाधिकारी ने सीडीपीओ को निर्देशित किया कि सैम श्रेणी के बच्चों को समझा-बुझाकर भर्ती कराना सुनिश्चित करें।

टीकाकरण की फीडिंग की धीमी प्रगति पर भी सवाल उठाए गए। उन्होंने चिकित्सा विभाग को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर स्टेडियोमीटर व इन्फैंटोमीटर उपलब्ध कराने हेतु एक सप्ताह का समय दिया।

स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा में बताया गया कि जनपद में पहले चरण में 2,06,456 और दूसरे चरण में 53,531 शौचालयों का निर्माण हो चुका है। वर्तमान में 8,552 नए शौचालयों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। 14,646 लाभार्थियों को द्वितीय किस्त भेजी जा रही है, जिनमें से 9,300 शेष हैं।

प्लास्टिक संग्रह केंद्र की स्थापना पर चर्चा करते हुए बताया गया कि विकासखंड रानीपुर के काझा और फतेहपुर मंडाव के सिद्धा अहिलासपुर में केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां से जिले भर के प्लास्टिक कचरे का निस्तारण किया जाएगा।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर, जिला कार्यक्रम अधिकारी अजीत सिंह, डीसी मनरेगा उपेंद्र पाठक, सभी खंड विकास अधिकारी, सीडीपीओ, एडीओ पंचायत समेत संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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