“वाराणसी नगर निगम ने कूड़ा उठाने का शुल्क दोगुना किया, साथ ही पुराने दुकानों का किराया भी बढ़ा दिया। जानिए सितंबर 2024 से लागू होने वाले इन नए शुल्कों के बारे में और अन्य महत्वपूर्ण फैसलों के बारे में।”
वाराणसी : वाराणसी नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में बुधवार को कुछ अहम फैसले लिए गए हैं, जिनका सीधा असर शहरवासियों पर पड़ेगा। महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शहर के व्यावसायिक कूड़ा उठाने की दरों को दोगुना करने का फैसला किया गया। इसके अलावा, नगर निगम के स्वामित्व वाली दुकानों के किराए में भी बढ़ोतरी की गई है। इन फैसलों को आगामी सितंबर से लागू किया जाएगा, जिसके बाद व्यापारियों को पुराने किराए का बैकलॉग भी भरना होगा।
कूड़ा उठाने के शुल्क में दोगुनी वृद्धि
वाराणसी में व्यावसायिक कूड़ा उठाने का शुल्क अब दोगुना कर दिया गया है। इससे शहर के व्यापारिक प्रतिष्ठानों और होटलों को अब पहले के मुकाबले अधिक शुल्क चुकाना होगा। इस वृद्धि के बाद, एक होटल (30 कमरे तक) को कूड़ा उठाने के लिए 1200 रुपये चुकाने होंगे, जो पहले 700 रुपये थे। वहीं, तीन सितारा होटलों और उससे ऊपर के होटलों के लिए यह शुल्क 20000 रुपये कर दिया गया है, जबकि पहले यह 4500 रुपये था। इसके अलावा, स्कूलों, रेस्टोरेंट्स, बैंक, नर्सिंग होम्स और अस्पतालों के कूड़ा उठाने के शुल्क में भी वृद्धि की गई है।
पुरानी दुकानों का किराया बढ़ा
नगर निगम द्वारा स्वामित्व वाली दुकानों का किराया भी बढ़ा दिया गया है। अब विशेष क्षेत्रों में दुकानों का किराया बढ़ा है, जो व्यापारी वर्ग के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है। विशेश्वरगंज मंडी में किराया 8 रुपये प्रति वर्गफीट, संजय गांधी मार्केट में 781 रुपये प्रतिमाह, भदैनी मार्केट और शास्त्री नगर मार्केट में सर्किल रेट का 50 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। वहीं, मलदहिया मार्केट का किराया 1900 रुपये प्रतिमाह और दलहट्टा, चेतगंज में 9 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से किराया लिया जाएगा। यह नई दरें सितंबर 2024 से लागू होंगी, और इसके बाद व्यापारियों को पिछली अवधि का बैकलॉग भी चुकाना होगा।
निगम मुख्यालय में महापौर द्वारा लिए गए अन्य फैसले
वाराणसी नगर निगम के महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में करीब छह घंटे चली बैठक में कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के दो किमी की परिधि में मीट की दुकानों को बंद कराने का था। इस फैसले के तहत, यदि किसी विक्रेता ने इस क्षेत्र में मीट की दुकान खोली, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इसके अलावा, नगर निगम ने प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर सफाई व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए 24 घंटे सफाईकर्मियों के संचालन की योजना बनाई है। महापौर ने सभी बीटवार सफाईकर्मियों का निर्धारण करने के लिए निर्देश भी दिए। इसके साथ ही, शहर में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।
मॉल और होटल शुल्क में भी वृद्धि
नगर निगम ने मॉल और होटल के लिए शुल्कों में भी वृद्धि की है। तीन सितारा होटल और उससे ऊपर के होटलों से कूड़ा उठाने के शुल्क को 4500 रुपये से बढ़ाकर 20000 रुपये कर दिया गया है, जबकि मॉल्स के लिए यह शुल्क 10000 रुपये किया गया है। इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों से भी शुल्क बढ़ाया गया है, जहां पहले 1500 रुपये शुल्क लिया जाता था, अब वह 2500 रुपये किया गया है। इस बदलाव से नगर निगम को अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है, साथ ही शहर की सफाई व्यवस्था में भी सुधार हो सकता है।
आउटसोर्स कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया गया
नगर निगम ने सफाई कार्य में लगे आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है। अब इन कर्मचारियों को प्रतिदिन 410 रुपये दिए जाएंगे, जो पहले कम थे। यह कदम सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और कर्मचारियों की स्थिति में सुधार के लिए उठाया गया है।
निगम के लिए भविष्य की योजनाएं
नगर निगम ने भविष्य में 384 तालाबों में मत्स्य पालन शुरू करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, सूजाबाद डोमरी में वन क्षेत्र बनाने का भी प्रस्ताव पास किया गया है। महाकुंभ के दौरान घाटों और प्रमुख क्षेत्रों में रात में सफाई रखने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है।
वाराणसी नगर निगम के इन नए फैसलों से शहरवासियों के लिए कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन व्यापारियों और होटल मालिकों को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा। यह कदम नगर निगम के राजस्व को बढ़ाने के लिए उठाए गए हैं, और इस बदलाव के साथ नगर निगम की सफाई व्यवस्था में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।