मऊ। पारंपरिक हस्तशिल्पियों और कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर सामने आया है। एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण योजना के तहत वर्ष 2025-26 के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। इस योजना के अंतर्गत मऊ जिले में वस्त्र उत्पाद से जुड़े कारीगरों को प्रशिक्षण के साथ-साथ उन्नत टूलकिट भी प्रदान किए जाएंगे।
उपायुक्त उद्योग राजेश रोमन ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। उन्हें प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाएगा और साथ ही एक मानदेय के साथ आधुनिक उपकरण प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनके रोजगार में वृद्धि हो सके।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना में शामिल होने के लिए केवल जाति आधारित पात्रता मान्य नहीं है। इसके लिए आवेदक को यह प्रमाणित करना अनिवार्य होगा कि वह पारंपरिक कारीगरी से जुड़ा है। यह प्रमाण-पत्र ग्राम प्रधान, नगर पंचायत अध्यक्ष, नगर पालिका या नगर निगम के संबंधित वार्ड सदस्य द्वारा जारी किया जाना चाहिए।
योजना में आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही किया जाएगा। इच्छुक अभ्यर्थी www.msme.upsdc.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन पत्र भर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 मई 2025, सायं 5:00 बजे तक निर्धारित की गई है।
अधिक जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केंद्र, मऊ के कार्यालय में कार्य दिवसों में संपर्क कर सकते हैं।
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यह योजना ‘एक जनपद एक उत्पाद’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार की एक अहम पहल है, जो स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। विशेषकर वस्त्र उत्पाद क्षेत्र में कार्यरत कारीगरों के लिए यह योजना एक सशक्त मंच प्रदान कर रही है।