“यूपी में बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में लखनऊ में बड़ी पंचायत की। ऊर्जा मंत्री से इस्तीफे की मांग और बिडिंग रोकने की चेतावनी दी।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विद्युत निगम के निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का गुस्सा उफान पर है। रविवार को लखनऊ में महाराणा प्रताप मार्ग स्थित हाइडिल हॉस्टल पर 5 हजार से ज्यादा बिजली कर्मियों ने पंचायत की। उन्होंने निजीकरण के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया।

ऊर्जा मंत्री पर गंभीर आरोप
विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा,
- “ऊर्जा मंत्री और पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन, निगम की जमीनें एक रुपये में प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की तैयारी कर रहे हैं। इससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ईमानदार छवि को धूमिल किया जा रहा है।”
- कर्मचारियों ने कहा कि यदि बिडिंग की प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई, तो वे उग्र कदम उठाने को मजबूर होंगे।
मुख्यमंत्री से जताया विश्वास
कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विश्वास जताते हुए कहा,
“हमें मौका दें। हम एक साल में घाटे को 15 मिनट के नीचे ला सकते हैं। निजीकरण हमारी मेहनत और जनता के हक पर कुठाराघात है।”
जनजागरण अभियान की घोषणा
कर्मचारियों ने ऐलान किया कि 1 जनवरी से बिजली रथ सभी जिलों में जनजागरण अभियान चलाएगा। जनता को निजीकरण के दुष्प्रभावों के बारे में बताया जाएगा।

ऊर्जा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी
पंचायत में कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।]\“ऊर्जा मंत्री चोर हैं” और “महंगी बिजली मंजूर नहीं” जैसे नारे सुनाई दिए। प्रदर्शनकारियों ने बैनरों और तख्तियों के माध्यम से निजीकरण के खिलाफ अपना विरोध जताया।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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