उत्तर प्रदेश राजधानी लखनऊ में 88 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब का निर्माण किया जाएगा। यह लैब कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अत्याधुनिक फॉरेंसिक सुविधाएं प्रदान करेगा, जिससे अपराधों की जांच में तेजी और सटीकता आएगी।
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निर्माण की जिम्मेदारी और प्रक्रिया
नियोजन विभाग की ईपीसी (Engineering, Procurement, and Construction) सेल को इस महत्वपूर्ण परियोजना का निर्माण कार्य सौंपा गया है। डीपीआर (Detailed Project Report) और आर्किटेक्चर डिजाइन को लेकर काम शुरू कर दिया गया है, और इस लैब के निर्माण के लिए सभी पहलुओं की योजना बनाई जा रही है।
लैब की संरचना
यह फॉरेंसिक लैब 7 मंजिलों की होगी, जिसमें एक बेसमेंट भी शामिल होगा। इस भवन में अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकी सुविधाओं से लैस विभिन्न विभाग होंगे, जो अपराधों की जांच में सहायक होंगे, जैसे कि डीएनए विश्लेषण, ट्रैफिक अपराधों की जांच, डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण, और अन्य।
निर्माण समयसीमा
फॉरेंसिक लैब का निर्माण 18 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि इसे जल्द से जल्द ऑपरेशनल किया जा सके और इससे जुड़ी जांच प्रक्रियाओं को प्रभावी और तीव्र बनाया जा सके।
उद्देश्य और लाभ
इस फॉरेंसिक लैब का निर्माण अपराधों की त्वरित और सटीक जांच में सहायक होगा। इससे पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को उच्च गुणवत्ता की फॉरेंसिक रिपोर्ट मिल सकेगी, जो अपराधों के समाधान में मदद करेगी। इसके साथ ही, यह कदम उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण और न्यायिक प्रक्रिया में सुधार की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा।