“पूर्व सीबीआई निदेशक विजय शंकर का 76 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबी बीमारी के बाद उनका पार्थिव शरीर एम्स को दान कर दिया गया। शंकर को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था और उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच की। उनके निधन पर शोक व्यक्त किया गया है।”
नई दिल्ली। पूर्व सीबीआई निदेशक विजय शंकर का मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 76 वर्ष के थे और काफी समय से नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उनके परिवार ने बताया कि उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार उनका पार्थिव शरीर एम्स को दान कर दिया गया।
विजय शंकर ने अपनी विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस और विदेश मंत्रालय के तहत मास्को में भी कार्य किया था। शंकर का कार्यकाल सीबीआई में बेहद सराहनीय रहा, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की, जिसमें कुख्यात आरुषि-हेमराज हत्याकांड शामिल था। शंकर ने 12 दिसंबर 2005 से 31 जुलाई 2008 तक सीबीआई के निदेशक के रूप में कार्य किया।
सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक के रूप में उन्होंने तेलगी घोटाले की जांच की और पुर्तगाल से गैंगस्टर अबू सलेम और अभिनेत्री मोनिका बेदी के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया की निगरानी की थी। सीबीआई निदेशक बनने से पहले शंकर ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड के प्रमुख के रूप में कार्य किया और बीएसएफ में महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे। 1990 के दशक में जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था, शंकर वहां भी तैनात थे और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
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पूर्व सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा ने शंकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने एक अच्छे सज्जन को खो दिया है। वह एक ईमानदार और साहसी अधिकारी थे, जिन्हें उनकी तीक्ष्ण बुद्धि और सिद्धांतबद्ध आचरण के लिए जाना जाता था।”
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