“अखिलेश यादव ने केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना को सपा की देन बताया। उन्होंने पूर्व PM मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह की पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि यह योजना सपा सरकार में शुरू हुई थी।”
खजुराहो (मध्य प्रदेश)/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की आधारशिला रखी, लेकिन इस परियोजना को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस परियोजना को समाजवादी पार्टी की देन बताया है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने देश में सबसे पहले दो राज्यों की नदियों को जोड़ने की परियोजना की संकल्पना की थी। यह सपा सरकार की सोच और प्रयासों का नतीजा है।”
उन्होंने इस दावे को प्रमाणित करने के लिए एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मुलायम सिंह यादव एमओयू साइन करते नजर आ रहे हैं।
क्या है केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना?
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना भारत की पहली अंतर-राज्यीय नदी जोड़ने की योजना है। इसका उद्देश्य जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों को राहत प्रदान करना है। यह परियोजना केन नदी से अतिरिक्त जल बेतवा नदी में पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
सपा और बीजेपी के बीच सियासी बयानबाजी:
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह सपा सरकार की पुरानी परियोजनाओं का श्रेय ले रही है। उन्होंने कहा कि नेताजी ने इस परियोजना की नींव रखी थी, और यूपी और एमपी सरकार के बीच एमओयू भी सपा सरकार में हुआ था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजना की आधारशिला रखते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश के जल संसाधनों के बेहतर उपयोग का उदाहरण होगी।
सियासी मायने:
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केन-बेतवा परियोजना को लेकर सपा और बीजेपी के बीच यह बयानबाजी नई सियासी बहस छेड़ सकती है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल