“फ्रंट-रनिंग घोटाले में केतन पारेख का नाम फिर सामने आया है। उन पर 65.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का कदम उठाया गया है। जानिए कैसे पारेख ने शेयर बाजार में फ्रंट-रनिंग का फायदा उठाया और इसका असर क्या हुआ।”
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार के सबसे बड़े घोटालों में से एक फ्रंट-रनिंग घोटाले में एक बार फिर केतन पारेख का नाम सामने आया है। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने पारेख और उनके सहयोगियों की संपत्ति को जब्त कर लिया है, जिसमें 65.77 करोड़ रुपये की रकम शामिल है। यह घोटाला बाजार के नियमों और नैतिकता के खिलाफ है, और इस मामले में जांच के दौरान यह पाया गया कि पारेख ने बाजार में अनुचित लाभ उठाने के लिए शेयरों का व्यापार किया था।
फ्रंट-रनिंग घोटाले में एक व्यक्ति या समूह किसी विशेष कंपनी के बारे में सूचना प्राप्त करता है और उससे पहले ही शेयरों की खरीद-बिक्री करता है, जिससे सामान्य निवेशक धोखा खाते हैं। पारेख पर आरोप है कि उन्होंने इस तरह की अवैध गतिविधियों का फायदा उठाया और बड़ी मात्रा में संपत्ति जुटाई।
अब इस घोटाले की जांच बढ़ा दी गई है और अधिकारियों ने पारेख और उनके सहयोगियों से संबंधित संपत्तियों को जब्त कर लिया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार इस तरह के वित्तीय अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने में सक्षम है।
फ्रंट-रनिंग से जुड़े मामलों में पारेख का नाम पहले भी कई बार सामने आ चुका है। उन्हें भारतीय शेयर बाजार में एक कुख्यात व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। अब इस नए मामले से यह साफ हो गया है कि उनका असर भारतीय शेयर बाजार पर अब भी कायम है।
यह कार्रवाई अन्य निवेशकों के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि सरकार किसी भी तरह के वित्तीय धोखाधड़ी को सहन नहीं करेगी और इस पर कठोर कार्रवाई करेगी।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल