“लखनऊ कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार ने राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक की। बैठक में तहसील न्यायालयों में लंबित वादों, IGRS प्रकरणों और अन्य प्रशासनिक मामलों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण निस्तारण और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की शिथिलता या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
लखनऊ: कलेक्ट्रेट सभागार में आज जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने राजस्व न्यायालयों में लंबित वादों की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि समय सीमा के भीतर सभी मामलों का निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि यदि किसी भी न्यायालय में वादों का निस्तारण समय सीमा से बाहर पाया गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने तहसील मलिहाबाद, तहसील सदर, मोहनलालगंज, बक्शी का तालाब और सरोजनीनगर के वादों की स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने पाया कि अधिकांश तहसीलों में 5 वर्ष से अधिक और 3 वर्ष से अधिक के वादों का निस्तारण कर दिया गया है। हालांकि कुछ तहसीलों में थोड़ी सी देरी थी, जिन्हें शीघ्र निस्तारित करने के लिए निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वादों की दायरगी के समय सभी पक्षकारों के पते और मोबाइल नंबर भी अंकित किए जाएं। इसके अलावा, विवादों से बचने और न्यायालय कार्यों में सुधार लाने के उद्देश्य से हर तहसील में SOP (Standard Operating Procedures) तैयार करने का निर्देश दिया गया। इस जिम्मेदारी को एसडीएम सदर और तहसीलदार मोहनलालगंज को सौंपा गया।
बैठक में आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्रों की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने इन प्रमाण पत्रों को प्राथमिकता से जारी करने के निर्देश दिए और मैनपावर की जरूरत पर विचार करने को कहा।
इसके अतिरिक्त, विभिन्न देयों जैसे विद्युत देय, बैंक देय और अन्य बकाया देयों की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन कंपनियों की आरसी 1 करोड़ से कम है, उनकी वसूली इस माह के भीतर सुनिश्चित की जाए।
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आईजीआरएस (IGRS) और मुख्यमंत्री संदर्भ के तहत प्राप्त ऑनलाइन प्रकरणों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इन प्रकरणों का निस्तारण गुणवत्तापूर्वक और समयबद्ध तरीके से किया जाए। उन्होंने शिथिलता की कोई भी स्थिति बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी और संबंधित अधिकारियों से जांच की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और जिम्मेदार बनाने का निर्देश दिया।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी प्रशासन, समस्त उप जिलाधकारी, तहसीलदार और अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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