लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत 10 लोगों को नोटिस जारी किया है।
यह नोटिस प्रदर्शन बुलाने, घटना स्थल से छेड़छाड़ करने और प्रभात को दो घंटे तक अस्पताल नहीं पहुंचाने के आरोपों को लेकर दिया गया है।
तीन दिन में देना होगा बयान
जारी नोटिस में कहा गया है कि अजय राय और अन्य संबंधित लोगों को तीन दिनों के भीतर अपना बयान दर्ज कराना होगा। पुलिस इस मामले में पूरी गंभीरता से जांच कर रही है।
प्रारंभिक जांच में बड़े खुलासे
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि जिस कमरे में कार्यकर्ता प्रभात की मौत हुई थी, उसे घटना के तुरंत बाद साफ कर दिया गया। इससे मौके पर मौजूद साक्ष्य नष्ट हो गए। इस मामले में कांग्रेस कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है, लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ फुटेज गायब होने की आशंका है।
पुलिस करेगी विस्तृत पूछताछ
प्रभात को समय पर अस्पताल न पहुंचाने और घटना स्थल से छेड़छाड़ करने को लेकर पुलिस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और अन्य लोगों से पूछताछ करेगी। इसके अलावा, प्रदर्शन के आयोजन और वहां हुई अनियमितताओं पर भी सवाल पूछे जाएंगे।
कांग्रेस ने लगाए राजनीतिक बदले के आरोप
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इसे भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराना सरासर अन्याय है।
क्या है आगे की राह?
पुलिस ने मामले को सुलझाने के लिए कई पहलुओं पर जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल से जुड़े लोगों और प्रदर्शन में शामिल सभी लोगों से पूछताछ की जाएगी। इस घटना ने कांग्रेस और भाजपा के बीच सियासी माहौल को और गरमा दिया है।