“महाकुंभ 2025 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए योगी सरकार ने चेन्नई में रोडशो के जरिए तमिलनाडु को औपचारिक निमंत्रण दिया। भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना, और विश्वस्तरीय सुविधाओं के संकल्प के साथ यह आयोजन 45 करोड़ श्रद्धालुओं की भागीदारी का प्रतीक बनेगा।”
चेन्नई। महाकुंभ 2025 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए योगी सरकार ने देशव्यापी अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में तमिलनाडु के चेन्नई में एक शानदार रोडशो का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर और असीम अरुण ने किया। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन समेत तमिलनाडु की जनता को महाकुंभ में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया गया।
महाकुंभ: भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक
सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर ने रोडशो के दौरान महाकुंभ को भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल सनातन धर्म की विरासत का पर्व है, बल्कि भारत की विविधता में एकता का जीवंत प्रमाण भी है।
महाकुंभ 2025: विश्वस्तरीय सुविधाओं का संकल्प
राज्य मंत्री असीम अरुण ने बताया कि योगी सरकार महाकुंभ को स्वच्छ, स्वस्थ, सुरक्षित और डिजिटल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं:
स्वच्छता अभियान: सिंगल-यूज प्लास्टिक मुक्त महाकुंभ और 3 लाख पौधारोपण।
स्वास्थ्य सेवाएं: 100 बेड का अस्पताल, छोटे स्वास्थ्य केंद्र, और 24×7 डॉक्टरों की तैनाती।
स्मार्ट तकनीक: 101 स्मार्ट पार्किंग स्थल, एट्रिब्यूट आधारित कैमरे, आरएफआईडी रिस्टबैंड और जीपीएस ट्रैकिंग।
पर्यटन का विकास: 15.25 किलोमीटर लंबे रिवरफ्रंट का निर्माण और 44 स्थायी घाटों पर पुष्प वर्षा की व्यवस्था।
महाकुंभ: 45 करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन
मंत्रियों ने बताया कि महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं, साधुओं और पर्यटकों के शामिल होने की संभावना है। यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देगा।
महाकुंभ 2025 का निमंत्रण
मंत्रियों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को प्रदर्शित करेगा। उन्होंने तमिलनाडु के सभी नागरिकों और अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे इस पवित्र आयोजन का हिस्सा बनें।
महाकुंभ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत का वैश्विक मंच है। योगी सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति की गहराई और व्यापकता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल