“प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के मकर संक्रांति स्नान के लिए समय सारिणी जारी कर दी गई है। 14 जनवरी को अखाड़ों के अमृत स्नान के दौरान लाखों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे।”
महाकुम्भ नगर। प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ 2025 का पर्व मकर संक्रांति के दिन, यानी 14 जनवरी को अपने चरम पर होगा। इस दिन अखाड़ों का अमृत स्नान होगा, जिसमें लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम तट पर पहुंचेंगे। महाकुम्भ के इस आयोजन के लिए प्रशासन ने एक समय सारिणी जारी की है, जिसके अनुसार विभिन्न अखाड़े अपने-अपने समय पर स्नान करेंगे।
अखाड़ों के अमृत स्नान का समय सारिणी:
- सन्यासी अखाड़ा: 5:15 AM से 6:15 AM
- बैरागी अखाड़ा: 9:40 AM से 10:40 AM
- उदासीन अखाड़ा: 12:15 PM से 1:15 PM
अखाड़ों के संत सुबह सवेरे 5:15 बजे से रथों पर सवार होकर स्नान के लिए रवाना होंगे। हर अखाड़े के अनुयायी रथों के साथ चलेंगे और अमृत स्नान की बेला को लेकर श्रद्धा और उत्साह में डूबे होंगे। प्रत्येक अखाड़े को स्नान के लिए 30 मिनट से लेकर एक घंटे का समय आवंटित किया गया है।
महाकुम्भ मेला 2025 में मकर संक्रान्ति 14 जनवरी 2025 में श्री अखाड़ों के अमृत स्नान से सम्बन्धित समय सारिणी l
योजना और सुरक्षा व्यवस्था:
महाकुम्भ मेला में इस बार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा और व्यवस्था का ख्याल रखते हुए प्रशासन ने संगम तट पर भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किए हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए शीतल पेय, चाय, भोजन और अस्थायी शरण स्थलों की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
साथ ही, प्रशासन ने विशेष ध्यान दिया है कि मकर संक्रांति के दिन भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं। यह दिन महाकुम्भ मेला के सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्वों में से एक है और लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर संगम में स्नान करने के लिए पहुंचेंगे।
स्नान के बाद अखाड़ों की वापसी:
अमृत स्नान के बाद, सभी अखाड़ों के संत और श्रद्धालु अपने शिविरों की ओर लौटेंगे। यह प्रक्रिया भी काफी व्यवस्थित और सुरक्षा के बीच होगी। प्रत्येक अखाड़े के स्नान के बाद उसके अनुयायी अपने-अपने स्थान पर लौटेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था न हो।
महाकुम्भ मेला एक धर्मिक पर्व है जो न केवल भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव भी है। इस मकर संक्रांति स्नान में लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था की डुबकी लगाएंगे और महाकुम्भ के इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनेंगे।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल