“महाकुंभ-2025 में ‘स्वच्छ सुजल गांव’ के जरिए दिखेगा बुंदेलखंड का बदलाव। पीएम आवास, सोलर एनर्जी, डिजिटल सुविधाओं और जल जीवन मिशन की सफलता की कहानी से रूबरू होंगे श्रद्धालु। ‘जल मंदिर’ के माध्यम से जल संरक्षण का संदेश और डिजिटल गेमिंग जोन में स्वच्छ जल के फायदे जानने का मिलेगा अवसर।”
मनोज शुक्ला | विशेष रिपोर्ट
प्रयागराज: महाकुंभ-2025 केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास और जल जीवन मिशन की सफलता का भी प्रतीक बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के ‘नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग’ की अनूठी पहल ‘स्वच्छ सुजल गांव’ के माध्यम से महाकुंभ में आगंतुकों को ग्रामीण भारत के विकास की अद्वितीय झलक देखने को मिलेगी।
40,000 वर्गफुट में फैला यह मॉडल गांव, जल संरक्षण, स्वच्छ जल, सौर ऊर्जा, और डिजिटल इंडिया के प्रभाव को दर्शाने वाला केंद्र बिंदु होगा।
बुंदेलखंड का बदलाव: 2017 से पहले और बाद
एक समय पानी की भारी कमी से जूझता बुंदेलखंड, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति कर चुका है।
2017 से पहले:
- पेयजल संकट के कारण कई गांवों में विवाह रुक जाते थे।
- महिलाएं घंटों दूर से पानी लाने को मजबूर थीं।
- गांवों में समुचित पेयजल का अभाव।
2017 के बाद:
- हर घर जल योजना ने गांवों तक पेयजल पहुंचाया।
- जल जीवन मिशन के तहत जल संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा मिला।
- सौर ऊर्जा और सरकारी योजनाओं से ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार।
‘स्वच्छ सुजल गांव’ की विशेषताएं
40,000 वर्गफुट में विकसित मॉडल गांव विकास और जल संरक्षण के संदेश का प्रतीक होगा।
1. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास मॉडल
- ग्रामीण आवास योजनाओं की सफलता का प्रदर्शन।
- हर घर तक पेयजल पहुंचाने की योजना।
2. सौर ऊर्जा और डिजिटल सुविधाएं
- सौर ऊर्जा का प्रयोग दर्शाने के लिए मॉडल।
- डिजिटल स्क्रीन और गेमिंग जोन के माध्यम से आगंतुकों को स्वच्छ जल के महत्व और दूषित जल के प्रभाव समझाए जाएंगे।
3. महिला सशक्तिकरण का मंच
- बुंदेलखंड की महिलाएं बताएंगी कि कैसे स्वच्छ पानी ने उनके जीवन को बदला।
- ग्रामीण महिलाओं की सच्ची कहानियां लोगों को प्रेरित करेंगी।
4. ‘जल मंदिर’ का संदेश
- भगवान शिव की जटा से गंगा प्रवाह का भव्य दृश्य।
- सुबह-शाम जल आरती का आयोजन।
- जल संरक्षण का संदेश: “जल प्रसाद है, इसे व्यर्थ न करें।”
5. पांच भाषाओं में जानकारी
- हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, तेलुगु और मराठी में उपलब्ध जानकारी।
- विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के लिए आसान पहुंच।
अतिथि सत्कार: ‘जल प्रसाद’ और जल जीवन मिशन की डायरी
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा के तहत जूट और कपड़े के बैग में संगम का जल, जल जीवन मिशन की डायरी और सफलता की कहानियां भेंट की जाएंगी।
कार्यक्रमों की रूपरेखा
10 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित कार्यक्रम:
- ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण मंच।
- डिजिटल जागरूकता अभियान।
- जल संरक्षण और स्वच्छता पर आधारित कार्यशालाएं।
नए भारत के नए यूपी’ की गाथा
महाकुंभ-2025 का ‘स्वच्छ सुजल गांव’ प्रधानमंत्री मोदी के ‘नए भारत’ और मुख्यमंत्री योगी के ‘नए उत्तर प्रदेश’ की तस्वीर पेश करेगा। यह पहल न केवल जल संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण विकास की नई संभावनाओं का द्वार भी खोलेगी।
उत्तर प्रदेश का यह मॉडल देश और दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल