“महाकुंभ 2025 में विदेशों से आए संतों ने योगी सरकार की भव्य, दिव्य और स्वच्छ व्यवस्थाओं पर अपनी खुशी जताई। जापान, नेपाल और स्पेन के संतों ने महाकुंभ के आयोजन की तारीफ की और कहा कि इस बार आयोजन में डिजिटलाइजेशन और स्वच्छता पर खास ध्यान दिया गया है।”
महाकुंभ नगर, 15 दिसंबर 2024 -प्रयागराज महाकुंभ 2025 के आयोजन की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और इस बार विदेशी संतों की संख्या में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है। जापान, नेपाल, स्पेन समेत कई देशों से आए साधु संतों ने महाकुंभ के लिए योगी सरकार द्वारा की गई व्यवस्था पर अपनी संतुष्टि और खुशी का इज़हार किया।
विदेशी संतों ने कहा कि योगी सरकार का “दिव्य, भव्य और स्वच्छ महाकुंभ” आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर सोम गिरी उर्फ पायलट बाबा की जापानी शिष्या योग माता और उनके साथ कई जापानी साध्वी महाकुंभ के आयोजन के लिए विशेष रूप से प्रयागराज पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि “इस बार महाकुंभ की व्यवस्थाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है, जिससे आयोजन और भी भव्य और व्यवस्थित दिख रहा है।”
स्वच्छता और डिजिटलाइजेशन पर जोर
महाकुंभ के आयोजन में स्वच्छता और डिजिटल प्लेटफार्मों की बढ़ती भूमिका ने विदेशी संतों को खासा प्रभावित किया। स्पेन से आई जूना अखाड़े की अवधूत अंजना गिरी (पूर्व नाम एंजिला) ने कहा कि “पिछले 30 वर्षों से महाकुंभ में भाग ले रही हूं, लेकिन इस बार स्वच्छता और डिजिटल सूचना व्यवस्था में बहुत बदलाव आया है। अब बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को बहुत आसानी हो गई है।”
फ्रांस से आए ब्रूनो गिरी ने महाकुंभ के आयोजन को पहले की तुलना में और अधिक उत्सवपूर्ण और सजीव बताया। उनका कहना था कि “इस बार शहर की हर दिशा में बदलाव दिखाई दे रहा है, और यह महाकुंभ एक उत्सव की तरह अनुभव हो रहा है।”
महाकुंभ 2025 का वैश्विक महत्व
नेपाल से आई महिला संत हेमा नंद गिरी ने भी महाकुंभ की व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि “यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि महाकुंभ जिस प्रदेश में हो रहा है, वहां का मुख्यमंत्री भी एक संत हैं। योगी जी के नेतृत्व में यह आयोजन हर दृष्टि से भव्य और दिव्य बनता जा रहा है।”