“महाकुम्भ 2025 के पहले स्नान पर्व पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं का अपार जनसैलाब उमड़ा। पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम तट पर 60 लाख श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इस दिव्य आयोजन में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। महाकुम्भ की दिव्यता से हर कोई प्रभावित हुआ।”
महाकुम्भनगर। महाकुम्भ-2025 का पहला स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर ऐतिहासिक उत्साह के साथ शुरू हुआ। संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान किया, जिससे एकता और आस्था का महासंगम देखने को मिला। पहले स्नान के दौरान 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र जल में डुबकी लगाई और पुण्य लाभ अर्जित किया।
महाकुम्भ के पहले दिन संगम तट पर रिकॉर्ड भीड़ देखी गई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए श्रद्धालु इस आयोजन की सुव्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए। सरकार की ओर से सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया था, जिससे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हुई। महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संगम नोज और अन्य घाटों पर सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई।
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कल्पवासियों ने महाकुम्भ के पहले स्नान के बाद अगले 45 दिनों के लिए अपने तप और पुण्य के संकल्पों की शुरुआत की। महाकुम्भ में आस्था के प्रतीक पर्व पर देशभर से श्रद्धालु आए, जिनमें बिहार, हरियाणा, बंगाल, पंजाब, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लोग शामिल थे। विदेशों से भी श्रद्धालुओं का तांता लगा, खासकर रूस, जापान, साउथ कोरिया, स्पेन और अमेरिका से आए श्रद्धालु महाकुम्भ की भव्यता से मोहित दिखे।
महाकुम्भ 2025 का यह आयोजन न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर में अपनी दिव्यता और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाएगा। श्रद्धालुओं ने संगम तट पर आकर अपनी आस्था और संस्कृति को मजबूती से प्रस्तुत किया।
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