“लखनऊ में फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश। सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम फरार, गिरोह ने हजारों फर्जी डिग्रियां बेचीं। पढ़ें पूरी खबर।”
लखनऊ। लखनऊ के निशातगंज इलाके में एक बड़ा फर्जी मार्कशीट और प्रमाणपत्र बनाने वाला गिरोह पकड़ा गया है। पुलिस ने गिरोह में शामिल कंप्यूटर ऑपरेटर राम प्रकाश वर्मा को गिरफ्तार किया, लेकिन सरगना मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम अभी भी फरार है। यह गिरोह पिछले 9 साल से फर्जी मार्कशीट, डिग्रियां और प्रमाणपत्र बेच रहा था।
गिरोह का मुख्य सरगना, मनीष प्रताप सिंह उर्फ मांगेराम, गाजियाबाद में कौशल विकास मिशन की आड़ में यह नेटवर्क चला रहा था। पुलिस ने आरोपियों से बड़ी मात्रा में लैपटॉप, प्रिंटर, पेपर कटिंग मशीन और फर्जी मार्कशीट बरामद की।
गिरोह के सदस्य हाई लेवल सॉफ्टवेयर का उपयोग करते थे, जिससे 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, मास्टर डिग्री के अलावा आयुर्वेद और मुक्त विश्वविद्यालयों की डिग्रियां भी तैयार करते थे। इसके अलावा, यह गिरोह फर्जी प्रमाणपत्रों पर असली सील-साइन भी लगाता था। प्रमाणपत्रों की कीमत 25 हजार से 50 हजार रुपये तक होती थी।
मांगेराम का आपराधिक इतिहास भी गंभीर है। इसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें मानव तस्करी, यौन शोषण, गैंगस्टर एक्ट, बलात्कार और हत्या जैसे आरोप शामिल हैं।
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मनोज शुक्ल