“सुप्रीम कोर्ट ने मेनका गांधी की याचिका पर सपा सांसद राम भुवाल निषाद को नोटिस जारी किया है। राम भुवाल निषाद के खिलाफ आपराधिक मामलों का जिक्र किया गया है।”
सुल्तानपुर। सुप्रीम कोर्ट ने सुल्तानपुर के सांसद राम भुवाल निषाद को मेनका गांधी की याचिका पर नोटिस जारी किया है। मेनका गांधी ने राम भुवाल निषाद के निर्वाचन को चुनौती दी है, और आरोप लगाया है कि निषाद के खिलाफ दर्ज 12 आपराधिक मामलों में केवल 8 का ही जिक्र किया गया है।
प्रमुख घटनाक्रम:
- नोटिस जारी:
सुप्रीम कोर्ट ने राम भुवाल निषाद को चार हफ्ते के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
- आरोप:
मेनका गांधी ने आरोप लगाया कि राम भुवाल निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले हैं, लेकिन चुनाव आयोग और संबंधित अधिकारियों ने केवल 8 मामलों का ही उल्लेख किया।
- सुप्रीम कोर्ट का रुख:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर विचार करते हुए जन प्रतिनिधित्व अधिनियम को चुनौती देने से इनकार कर दिया है।
मेनका गांधी का आरोप:
मेनका गांधी ने आरोप लगाया है कि राम भुवाल निषाद ने सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र में भ्रष्टाचार और आपराधिक गतिविधियों का सहारा लिया है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव प्रक्रिया में जो आपराधिक मामले सामने आए थे, उनका ठीक से उल्लेख नहीं किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया और राम भुवाल निषाद को चार हफ्ते में अपने जवाब दाखिल करने को कहा। इस बीच, राम भुवाल निषाद को इस मामले में अपने बचाव में हलफनामा दाखिल करना होगा।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अहम मोड़ पर है, क्योंकि राम भुवाल निषाद पर लगे आरोपों को लेकर कानूनी प्रक्रिया चल रही है। मेनका गांधी ने इसे चुनाव प्रक्रिया और लोकतांत्रिक व्यवस्था की पारदर्शिता को लेकर गंभीर मुद्दा बताया है। अदालत के आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और कोई भी व्यक्ति आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद चुनावी प्रक्रिया से बाहर न हो।
“देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।“
विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल