नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदिवासी समाज के आर्थिक उत्थान पर जोर देते हुये कहा कि उनकी उत्पादित वस्तुओं की ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिये काफी कुछ करना बाकी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां मंगलवार को पहले राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव का उद्धाटन किया। इस अवसर पर देश भर से आये आदिवासी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुये उन्हाेंने कहा आदिवासी लोग जंगल की सामान्य चीजों से ऐसी वस्तुयें बना देते हैं कि देखने वाले चकित हो जाये ।
जंगल की लकड़ी व दूसरी उत्पादित चीजों से आदिवासी समाज ऐसी वस्तुयें तैयार करते हैं जो रोजमर्रा के इस्तेमाल में आती हैं। इन वस्तुओं, उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग की दिशा में अभी बहुत कुछ करना बाकी है।उनका आर्थिक सामर्थ्य बढ़ाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने पारंपरिक औषधि की ओर दुनिया के बढ़ते झुकाव की चर्चा करते हुये कहा कि आदिवासी लोग जंगल में फैले तमाम किस्म के पौधों, पत्तियों, जड़ी-बूटियों के लाभ और हानि के बारे में बखूबी जानते हैं। हम उनकी इस जानकारी के आधार पर चिकित्सकीय शोध कर पारंपरिक औषधि को बढ़ावा दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘संकट में कैसे रहा जाता है इसके लिए शहरवासियों को आदिवासियों से सीखना चाहिए। अभावों एवं काफी परेशानियों के बावजूद जीवन जीने का ऐसा तरीका बनाया, हर पल ख़ुशी, कदम से कदम मिलाकर चलना, ये आदिवासी समाज ने बखूबी सीखा है। प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज के समक्ष पेश आने वाली चुनौतियों का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में डगर-डगर पर अभाव का सामना करना पड़ता है, जिंदगी को हर पल जूझना पड़ता है लेकिन आदिवासी समुदाय ने जीवन में जुनून भरना सीखा है।आदिवासी समाज शिकायत करना जानता ही नही। उन्होंने कहा कि संकटों में जीना और अभाव में भी आनंद उभारने का गुर अगर सीखना हो तो एक आदिवासी से बड़ा गुरु कोई नही हो सकता।
मोदी ने आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुये कहाआदिवासी समाज के पास कला, संगीत की अद्भूत देन है। ये अपनी परंपरा, वेशभूषा में नये रंग भरते जाते हैं पर अपनेपन को नही खोते, संजोकर रखते है। उन्होंने कहा , आदिवासी समाज का यह सामर्थ्य ही हमारी जनशक्ति का परिचायक है। भारत जैसे विशाल देश में ही विविधताओं को संजोये रखने की क्षमता है।
मोदी ने कहा कि,वनबंधु कल्याण योजना के तहत जनजातीय समुदायों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जा रही है और हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। वनों को हमारे जनजातीय समुदायों ने बचाया है। भारत सरकार राज्य सरकारों की मदद से आदिवासियों को जमीन के पट्टे देने का बड़ा अभियान चला रही है।मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जिक्र करते हुये कहा कि,आजादी के 50 साल बाद पहली बार अटल जी की सरकार में जनजातीय मंत्रालय का गठन हुआ