नई दिल्ली। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए।
पिछले कुछ समय से ईरान और इजराइल के बीच बढ़ती सैन्य गतिविधियों के चलते दोनों देशों ने एक-दूसरे पर मिसाइल और रॉकेट हमले किए हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
हालांकि, बैठक में हुई चर्चा और निर्णयों की जानकारी अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। इससे यह साफ होता है कि भारत इस मुद्दे पर ध्यानपूर्वक विचार कर रहा है और तनाव को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की दिशा में सक्रिय है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखना और संभावित खतरों से निपटना है। भारत की विदेश नीति के संदर्भ में यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है, खासकर जब भारत इजराइल और ईरान दोनों के साथ पारंपरिक संबंध रखता है।
भारत सरकार इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए आवश्यक रणनीतियों पर विचार कर रही है। इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच, पूरे विश्व की निगाहें भारत की इस बैठक के परिणामों पर टिकी हुई हैं।
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