“कानपुर में सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी द्वारा मंदिर में जल चढ़ाने के बाद हुए विवाद पर पुजारियों ने किया शुद्धिकरण। जानें पूरी कहानी और राजनीतिक बयानों का प्रभाव।”
कानपुर। कानपुर के वनखंडेश्वर मंदिर में दिवाली के अवसर पर सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी द्वारा जल चढ़ाने के बाद विवाद उत्पन्न हो गया। इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम ने जब बिना पूर्व सूचना के मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की पूजा की, तो पुजारियों ने मंदिर का शुद्धिकरण करने का निर्णय लिया। इसके लिए पुजारियों ने हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगवाया और पूरे मंदिर, साथ ही शिवलिंग को धोया।
इस विवाद के बीच नसीम सोलंकी का बयान आया है, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं तकलीफ में हूं। जहां कोई कहता है, वहां चली जाती हूं। यह सब वोट बैंक की राजनीति नहीं है।” हालांकि, मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन ने नसीम के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा कि ऐसी हरकत करने वाली महिलाएं शरीयत की मुजरिम हैं।
मुख्य पुजारी रामनरेश मिश्र ने भी नसीम की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर नसीम का आराध्य से इतना लगाव था, तो वह पहले भी मंदिर आ सकती थीं। उन्होंने यह भी बताया कि इरफान सोलंकी कभी गर्भगृह में नहीं आए और न ही उन्होंने मंदिर को राजनीति का अड्डा बनने दिया।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल
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