“संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी आज उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी। यह याचिका जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के मामले में निचली अदालत के सर्वे आदेश के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाते हुए मस्जिद कमेटी को हाईकोर्ट जाने के लिए कहा था।”
संभल। संभल की शाही जामा मस्जिद कमेटी आज उच्च न्यायालय (HC) में याचिका दायर करेगी। यह याचिका निचली अदालत द्वारा जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे के मामले में दिए गए आदेश के खिलाफ दायर की जा रही है। मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता सदर जफर अली ने बताया, “हमने याचिका दायर करने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं और आज इसे उच्च न्यायालय में दाखिल किया जाएगा।”
मामला क्या है?
दरअसल, जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के बीच विवाद तब उत्पन्न हुआ जब निचली अदालत ने इस मामले में सर्वे कराने का आदेश दिया था। मस्जिद कमेटी ने इस आदेश को चुनौती दी थी, और इसके बाद मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (SC) तक पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी थी और मस्जिद कमेटी को उच्च न्यायालय जाने के लिए कहा था।
सुप्रीम कोर्ट की रोक:
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर विचार करते हुए निचली अदालत के आदेश को स्थगित कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस विवाद की सुनवाई उच्च न्यायालय में होगी और मस्जिद कमेटी को वहां पर अपनी दलीलें प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा।
क्या कहती है मस्जिद कमेटी?
मस्जिद कमेटी का कहना है कि जामा मस्जिद का इतिहास और धार्मिक महत्व बहुत पुराना है और यह मस्जिद हमेशा से ही एक धार्मिक स्थल रही है। कमेटी ने निचली अदालत द्वारा दिए गए आदेश को कानून की दृष्टि से गलत बताया है।
कानूनी दृष्टिकोण:
इस मामले में कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह विवाद न केवल धार्मिक बल्कि संपत्ति के अधिकारों से जुड़ा हुआ भी है। इस प्रकार के मामलों में अदालतों द्वारा संतुलित और न्यायपूर्ण निर्णय लिया जाता है ताकि दोनों पक्षों के अधिकारों का सम्मान किया जा सके।
मस्जिद कमेटी की उम्मीदें:
मस्जिद कमेटी ने उच्च न्यायालय से यह उम्मीद जताई है कि वहां उनके पक्ष को सुना जाएगा और इस विवाद का निवारण एक निष्पक्ष तरीके से किया जाएगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल