“अकाल तख्त के जत्थेदार रघुबीर सिंह ने पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक सजा सुनाई है। उन्हें गोल्डन टेंपल में लंगर के जूठे बर्तन धोने और शौचालय साफ करने का आदेश दिया गया है।”
पंजाब। पंजाब के पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को धार्मिक मामलों में सिखों की सर्वोच्च संस्था अकाल तख्त ने सजा सुनाई है। गोल्डन टेंपल के लंगर में जूठे बर्तन धोने और शौचालय साफ करने का आदेश दिया गया है। यह फैसला 9 साल पुराने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने और उनसे जुड़े मामले वापस लेने के प्रकरण से जुड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
2015 में सुखबीर बादल और उनकी सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी देने का निर्णय लिया था। इस फैसले का कड़ा विरोध हुआ और इसे सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ माना गया। अब जत्थेदार रघुबीर सिंह ने इस पर कार्रवाई करते हुए यह सजा सुनाई है।
अन्य सजा और सम्मान वापसी
जत्थेदार ने घोषणा की है कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (स्वर्गीय) को दिया गया ‘फक्र-ए-कौम’ सम्मान भी वापस लिया जाएगा। यह फैसला मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों पर भी लागू होगा।
क्या सिख समुदाय में ऐसा पहले हुआ है?
अकाल तख्त द्वारा धार्मिक सजा सुनाना सिख परंपरा का हिस्सा है। इससे पहले भी कई नेताओं और व्यक्तियों को सिख धर्म के खिलाफ कार्य करने पर दंडित किया गया है।
समाज और राजनीति में असर
इस फैसले का पंजाब की राजनीति पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। अकाली दल पहले से ही कमजोर स्थिति में है और यह फैसला उनके लिए नई चुनौती बन सकता है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्र