भारत देश में आज तकनिकी तरक्की, शैक्षणिक तरक्की यहाँ तक की आर्थिक तरक्की की भी उतनी जरुरत नहीं है, जितनी की नैतिक तरक्की की. क्योंकि कभी “सर्वधर्म समाभाव” और “वसुधैव कुटुंभ्कम” का उद्घोष करने वाले भारत में आजकल जितनी बुराइयां नैतिकता के पतन के कारण फैली हैं उतनी और किसी …
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