नीलकंठ की आराधना का अनहद नाद है हर-हर महादेव, केसरिया बाने का युद्धघोष भी है हर-हर महादेव और वीणा की झंकृत वाणी भी है हर-हर महादेव। देवाधिदेव से कल्याण की कामना करते इन्हीं तीन शब्दों से सुशोभित थी मंगलवार की विभोर भोर। त्रिवेणी के जल में जैसे नृत्य कर रही …
Read More »