सियाराम पाण्डेय ‘शान्त’ प्रख्यात उपन्यासकार अमृतलाल नागर को मानस का हंस लिखने की प्रेरणा बंबई में मिली थी और गोस्वामी तुलसीदास को समझने के सूत्र बनारस में हाथ लगे थे। यह सब तब हुआ जब वे मानस चतुश्शती के अवसर अपने भतीजों के पुत्रों के यज्ञोपवीत संस्कार में शामिल होने …
Read More »