महाकुम्भ के अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने अपने सैकड़ों शिष्यों के साथ संगम में अमृत स्नान किया और इसे साधना, प्रेम और वर्षों की तपस्या का प्रतीक बताया। उन्होंने महाकुम्भ को सनातन धर्म का वैश्विक वैभव करार दिया। महाकुम्भ नगर। मकर संक्रांति के दिन महाकुम्भ में निरंजनी अखाड़े के …
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