भय, लोभ और उपेक्षा से दूसरा धर्म अपनाने वाले, ङ्क्षहदू धर्म से दूर रहने वाले अनुसूचित जाति- जनजाति व पिछड़ी जाति के लोग वैदिक रीति-रिवाजों को अपनाएंगे। इसके लिए जूना अखाड़ा अग्रणी भूमिका निभा रहा है। अखाड़े ने इसके लिए 24 अप्रैल 2018 को प्रयाग स्थित मौज गिरि मंदिर में …
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