“संभल जामा मस्जिद सर्वे के बाद शुक्रवार को पहला जुमा हुआ। मस्जिद में 3000 से ज्यादा नमाजी पहुंचे। सुरक्षा के लिए 1600 जवान तैनात किए गए। हिंदू पक्ष ने मस्जिद को हरिहर मंदिर बताया, जबकि मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया।”
संभल। संभल की जामा मस्जिद विवाद के केंद्र में है। शुक्रवार को सर्वे के बाद पहली बार जुमा की नमाज अदा की गई। सामान्य दिनों में जहां 400-500 लोग नमाज पढ़ते थे, वहीं इस बार 3000 से ज्यादा लोग मस्जिद पहुंचे। भारी भीड़ के चलते मस्जिद का मुख्य गेट बंद कर दिया गया और अन्य मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अपील की गई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मस्जिद और उसके आसपास 1600 जवान, PAC, और RRF बल तैनात किए गए। ड्रोन से निगरानी और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पूरे इलाके पर नजर रखी गई। मस्जिद के तीन रास्तों में से दो को बंद कर दिया गया।
हिंदू पक्ष का दावा
हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया है कि यह मस्जिद पहले श्री हरिहर मंदिर थी, जिसे 1529 में बाबर ने तुड़वाकर मस्जिद में तब्दील कर दिया। उन्होंने बाबरनामा, आइन-ए-अकबरी, और ASI की 150 साल पुरानी रिपोर्ट का हवाला दिया।
सर्वे और कोर्ट की सुनवाई
19 नवंबर को सिविल कोर्ट के आदेश पर मस्जिद का सर्वे किया गया। सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर सौंपनी है। मस्जिद पक्ष ने इस आदेश के खिलाफ अपील की है। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
सांसद बर्क का बयान
समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा, “यह मस्जिद थी, है और हमेशा रहेगी। देश संविधान और कानून से चलता है, किसी की मनमर्जी से नहीं।”
प्रशासन की अपील
संभल एसपी ने मस्जिद के मौलवियों से अपील की कि किसी भी मस्जिद में भीड़ इकट्ठा न करें और शांति बनाए रखें। विवादित पोस्ट करने वाले दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।