Friday , April 19 2024

भारत हित में होगी ट्रंप की ताजपोशी, चीन और पाक को झटका

trumpनई दिल्ली । दुनिया की सबसे बड़ी डेमोक्रेसी अमेरिका के 45वें प्रेसीडेंट के चुनाव में बढ़त हासिल कर रिपब्लिकन कंडीडेट डॉनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की राह साफ हो चुकी है। मौजूदा परिपेक्ष्य में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि ट्रंप भारत को लेकर किस तरह का रवैया अपनाएंगे।

अपने प्रचार अभियान के दौरान डॉनल्ड ट्रंप ने भारतीय कॉल सेंटरकर्मी की मिमिक्री करते हुए आउटसोर्सिंग पर निशाना साधा था तो साथ ही देश-दुनिया में तेजी से अपनी पहचान बनाते कामगारों की जमकर तारीफ भी की थी।

हालांकि विशेषज्ञ ट्रंप की ताजपोशी को भारतीय हितों से जोड़ कर देख रहे हैं। इसकी बजाय वह भारत के प्रतिद्वंद्वी देशों पाकिस्तान और चीन के लिए जरूर कुछ मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं।

ट्रंप ने कई बार अपनी रैलियों में अमेरिकियों से नौकरी छिनकर भारतीयों को दिए जाने और भारत के साथ व्यापारिक असंतुलन पर निशाना साधा था। लेकिन पूर्व अमेरिकी राजनयिक विलियम एच. एवरी ने कहा कि ट्रंप भारत के लिए बुरे साबित होने वाले नहीं हैं। एवरी के मुताबिक चीन और पाकिस्तान बीते कई दशकों से अमेरिका को ‘दुधारू गाय’ की तरह इस्तेमाल करते रहे हैं।

चीन ने अमेरिका से ट्रेड सरप्लस के चलते 2015 में 366 बिलियन डॉलर कमाए। वहीं, पाकिस्तान कट्टर इस्लामी ताकतों के खिलाफ लड़ाई के नाम पर अमेरिका से मदद के तौर पर 2002 के बाद से अब तक 30 बिलियन डॉलर की रकम वसूल चुका है। ट्रंप के अब तक के भाषणों से संकेत मिलता है कि वह इन दोनों देशों को प्रवाहित होने वाले अमेरिकी पैसे पर लगाम कस सकते हैं।

बीते 15 सालों में अमेरिका में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 50 लाख नौकरियां कम हुई हैं। वहीं, चीन इसी दौरान चीन के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जोरदार ग्रोथ हुई है। अपने चुनाव प्रचार में डॉनल्ड ट्रंप अमेरिकियों को खोई हुई नौकरियां वापस दिलाने की बात करते रहे हैं। इसके लिए उनके पास टैरिफ और नॉन-टैरिफ बैरियर्स के जरिए एशियाई लेबर की कम कीमतों के असर से निपटने का विकल्प होगा।

यदि ट्रंप इस तरह का कोई फैसला लेते हैं तो चीन के लिए यह सबसे बुरा होगा, जो बीते एक दशक की तेज ग्रोथ के बाद आंशिक मंदी से गुजर रहा है। चीन के लिए अमेरिका के साथ संभावित ‘व्यापारिक जंग’ उसे मंदी की राह पर ले जा सकती है। ऐसी स्थिति में चीन में राजनीतिक स्थितियां भी विस्फोटक हो सकती हैं और देश आंदोलन की राह पर जा सकता है।

ट्रंप प्रशासन की ओर से अमेरिका की फ्री ट्रेड पॉलिसीज पर नियंत्रण से भारत को टेक्नॉलजी और आउटसोर्सिंग जॉब्स में कमी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन एशिया के शक्ति संतुलन के लिहाज से बात करें तो चीन के नुकसान में ही भारत का फायदा छिपा है। माना जा रहा है कि ट्रंप के कार्यकाल में चीन पर भारत से अधिक प्रभाव पड़ेगा।

पाकिस्तान हमेशा से भारत के लिए मुश्किल पड़ोसी देश रहा है। ट्रंप ने चुनाव से पहले अपने प्रचार के दौरान पाकिस्तान को ‘संभवत: सबसे खतरनाक देश’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि पाक से निपटने के लिए आपको भारत को साथ लेना होगा। मैं भारत के साथ हर स्तर पर जल्दी से जल्दी बात शुरू करूंगा। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान को अलकायदा कमांडर ओसामा बिन लादेन को शरण देने का भी आरोप लगाते हुए माफी मांगने की मांग की थी।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com