अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) में अब केंद्र सरकार के शिक्षा सचिव को सदस्य बनाया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में विश्वविद्यालय को निर्देश जारी किया है। माना जा रहा है कि इससे विश्वविद्यालय के मामलों में केंद्र सरकार की भूमिका और प्रभाव बढ़ जाएगा।
हाल ही में आयोजित दो दिवसीय ईसी बैठक में यह मुद्दा चर्चा का प्रमुख केंद्र रहा। बैठक में विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस निर्देश पर गहन विचार-विमर्श किया। प्रॉक्टर और ईसी सदस्य प्रो. मोहम्मद वसीम ने बताया कि इस निर्णय को लागू करने के लिए जल्द ही आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
आरक्षण और छात्र संघ चुनाव जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहा एएमयू
एएमयू पहले से ही आरक्षण और छात्र संघ चुनाव जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर सुर्खियों में रहा है। ऐसे में केंद्रीय शिक्षा सचिव के ईसी में शामिल होने से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक और राजनीतिक मामलों में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप बढ़ने की संभावना है।
दो दिवसीय बैठक में कुल 35 बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस निर्णय के बाद एएमयू से जुड़ी देश और प्रदेश की राजनीति के और गरमाने की संभावना है। छात्रों और शिक्षकों के बीच इस निर्णय को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।
क्या है एएमयू की ईसी?
एग्जीक्यूटिव काउंसिल विश्वविद्यालय की सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक इकाई है, जो प्रमुख नीतिगत और प्रशासनिक निर्णय लेती है। शिक्षा सचिव की नियुक्ति से इस परिषद की कार्यप्रणाली में बड़े बदलाव आने की संभावना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से एएमयू के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ सकती है, लेकिन इसके साथ ही स्वायत्तता पर सवाल भी उठ सकते हैं।